अनुपमा लकड़ा, डॉ.वंदना शुक्ला, डॉ.प्रीतांशा भगत
कृषि महा.एवं अनु.केंद्र जशपुर (छ.ग.)

मल्चिंग एक प्रक्रिया है जिसमें खाद, लकड़ी के चिप्स. समुद्री शैवाल, पत्तियां, पुआल, घास, रेत, पत्थर, सिंथेटिक प्लास्टिक और अन्य प्राकृतिक उत्पादों का प्रयोग मिट्टी को ढँक कर पौधों के विकास के लिए और कुशल फसल उत्पादन के लिए अधिक अनुकूल स्थिति बनाने का अभ्यास किया जाता है। सब्जियों का उत्पादन एक महंगा उद्यम है जिसमें सिंचाई के लिए पानी, उर्वरक, कीटनाशक, खरपतवार नाशक जैसे भारी निवेश की आवश्यक्ता होती है। मिट्टी के तापमान में बफरिंग, गर्मशुष्क और अर्धशुष्क क्षेत्रों में मिट्टी में नमी संरक्छण अदि के लाभ को ध्यान में रखते हुए, सब्जियों के उत्पादन के लिए मल्चिंग के अभ्यास की सलाह दी गई है ताकि खेती पर होने वाली लागत को कम किया जा सके और किसान गुणवत्ता वाले उत्पाद और, अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें।

मल्च के प्रकार - मल्च दो प्रकार के होते हैं कार्बनिक मल्च और अकार्बनिक मल्च

कार्बनिक मल्च -

1. खाद/ पीट - खाद और पीट का उपयोग मल्चिंग के लिए किया जा सकता है इससे मिट्टी की उत्पादकता छमता भी बढ़ती है। इन्हें 2-3 इंच मोटी परत में रखा जाना चाहिए। खाद को मल्चिंग की तरह उपयोग में लाने से पहले अच्छी तरह सडाना चाहिए इससे पौधों को कोई नुकसान नहीं होता है।

2. पीटमॉस - पीटमॉस इस्तेमाल करने में आसान है लेकिन कुछ महंगा है। सूखे पीटमॉस को गीला करने के लिए काफी समय और पानी की आवस्यकता होती है, इसलिए इसे केवल 3 इंच या उससे कम गहराई में मल्च की तरह बिछाना चाहिए। सूखे क्षेत्रों में पीटमॉस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसका अम्लीय पी एच इसे अम्लीय पौधों के लिए विशेषरूप से योग्य बनता है।

3. पाइन छाल और पाइन नीडल - पाइन नीडल की 2 इंच की परत अम्लीय पेड़ों और झाड़ियों के लिए उत्तम मल्च बनाती है। यह बहुत आकर्षक होते हैं और पानी को आसानी से भीतर आने देते हैं। यह सड़ने के उपरांत पोषक तत्वों की पूर्ति भी करते हैं।

4. पुवाल - पुआल का इस्तेमाल बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। इसे 5-10 सेमी. मोटी परत में मिट्टी में मल्च के रूप में बिछाया जाता है।

कार्बनिक मल्च बिछाने के दौरान सावधानियां -
  • कार्बनिक मल्च को मल्चिंग की तरह इस्तेमाल करने से पहले उनमें उपस्थित खरपतवार एवं उनके बीजों को हटा देना चाहिए।
  • मिट्टी को समय-समय पर पीएच के लिए परीक्षण किया जाना चाहिए।

अकार्बनिक मल्च - प्लास्टिक मल्च
विभिन्न अकार्बनिक मल्चों में प्लास्टिक मल्च का उपयोग सबसे आम है। यह फसलों के सूक्ष्म जीवों के हईड्रोथर्मल रहन को नियंत्रित करते हैं, खरपतवार नियंत्रण कर सकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं तथा सतह से वाष्पीकरण को रोक कर पानी की बचत करते हैं । यह मिट्टी के कटाव की रोकथाम करते हैं और लीचिंग द्वारा होने वाले पोषक तत्वों की कमी को कम करते हैं। कार्बनिक मल्च की तुलना में यह लम्बी अवधी के लिए काम करते हैं।

मल्चिंग के फायदे –
  • मिट्टी की उपज क्षमता में सुधार लाते हैं।
  • मल्चिंग उर्वरक नियोजन को बढ़ता है और लीचिंग के माध्यम से होने वाले पोषक तत्वों के नुकसान को कम करता है।
  • बीजों में 2-3 दिन पहले अंकुरण लाने में सहायक होते हैं।
  • पानी और हवा के कटाव को रोकने में भी सहायता करते हैं।
  • मिट्टी में नमी बनाए रखते हैं।
  • स्वच्छ और गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन में सहायक होते हैं।
  • खरपतवार वृद्धि को नियंत्रित करते हैं।
  • कुल फसल उत्पादन में वृद्धि करते हैं।

फसल जिनमें प्लास्टिक मल्च का उपयोग किया जा सकता है -
प्लास्टिक मल्च का उपयोग सब्जी उत्पादन में पहली बार 1960 के दशक में हुआ था। और मल्चिंग द्वारा होने वाले फायदों के कारण किसान हर साल प्लास्टिक मल्च का उपयोग कर रहे हैं। व्यावसायिक रूप से मल्चिंग का उपयोग सब्जियों और छोटे फलों की खेती के लिए किया जाता है जैसे टमाटर, मिर्च, खरबूजा, खीरा, स्ट्रॉबेरी आदि।

मल्च का उपयोग कैसे करें -
60 सें-मी- चौड़ाई और 15-20 सें-मी- ऊंचाई वाली क्यारियां (रेज्ड बेड) तैयार की जाती हैं। और इन उठे हुए क्यारियों के ऊपर मल्च के रोल को बिछाया जाता है और तैयार पौधों का रोपण किया जाता है। प्लास्टिक मल्च को इस तरह से बिछाया जाता है कि दो व्यक्ति क्यारी के दोनों छोर पर प्लास्टिक रोल को पाइप कि मदद से बिछाते हैं और दो और व्यक्ति फावड़े की मदद से प्लास्टिक को क्यारी के किनारे मिट्टी से दबा देते हैं। क्यारी के ऊपर प्लास्टिक बिछाने के उपरांत एक निशिचित दूरी पर मल्च में छेद बनाया जाता है और उन्ही छिद्रों में पौधों का रोपण किया जाता है। छिद्र का आकार जयदा बड़ा न रखते हुए, पौधों के रोपण के अनुसार होना चाहिए। ड्रिप सिंचाई मल्च फसलों के लिए सिंचाई का सबसे प्रभावी और उपयुक्त तरीका है।

मल्च का चयन -
मल्च का चयन पर्यावरण की स्थितियों पर निर्भर करता है -
  • बारिश के मौसम में - छिद्रित मल्च (परफोरेटेड मल्च)
  • बगीचों और वृक्षारोपण के लिए - मोटे प्लास्टिक मल्च
  • मृदा सौरकरण के लिए - पतली पारदर्शी प्लास्टिक फिल्म
  • सौरकरण के माध्यम से खरपतवार नियंत्रण - पारदर्शी प्लास्टिक फिल्म
  • फसल भूमि में खरपतवार नियंत्रण - ब्लैक फिल्म (कला प्लास्टिक)
  • रेतीली मिट्टी के लिए - ब्लैक फिल्म
  • लवण युक्त पानी के उपयोग के लिए - ब्लैक फिल्म
  • ग्रीष्म कालीन फसल भूमि के लिए - सफेद प्लास्टिक
  • कीट निवारक के लिए - रजत रंग की प्लास्टिक (चमकीला)
  • प्रारंभिक अंकुरण के लिए - पतली प्लास्टिक

सीमायें -
  • व्यावसायिक रूप से प्लास्टिक मल्च कार्बनिक मल्च की अपेक्छा महंगा है।
  • ब्लैक प्लास्टिक के उच्च तापमान के कारण छोटे पौधे और छोटे जीवों के जलने व झुलसने की संभावना है।
  • उर्वरकों के टॉप ड्रेसिंग में कठिनाई होती है।
  • कुछ जगहों पर सर्प, और कुतरने वाले जीवों की गतिविधियों का अनुभव किया जाता है।
  • पर्यावरण प्रदूषण होता है।
  • मशीनों के उपयोग में मुश्किलें आती है।
  • पतले प्लास्टिक मल्च का उपयोग एक से अधिक बार नहीं किया जा सकता है।
  • पतले प्लास्टिक मल्चों से खरपतवारों का नियंत्रण नहीं किया जा सकता है।
  • पशुओं के लिए यह जहरीला हो सकता है।