नीलम सिन्हा, पीएचडी शोधार्थी,कृषि अर्थशास्त्र विभाग, 
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर (छ.ग.)

छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां की लगभग 70 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान 16.8 प्रतिशत है, लेकिन कृषि विकास दर केवल 3.76 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 5.38 प्रतिशत से काफी कम है। राज्य की कृषि मुख्य रूप से वर्षा आधारित है और फसल उत्पादन काफी हद तक मानसून पर निर्भर करता है। धान यहाँ की प्रमुख फसल है और छत्तीसगढ़ को "धान का कटोरा" भी कहा जाता है। हालांकि, सिंचाई सुविधाओं की कमी, बाजार तक सीमित पहुँच और फसल विविधीकरण की धीमी गति जैसी समस्याएँ किसानों के समक्ष बड़ी चुनौती बनी हुई हैं

छत्तीसगढ़ सरकार ने बजट 2025-26 में कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई बड़े प्रावधान किए हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, खेती को टिकाऊ बनाना और कृषि में नई तकनीकों को बढ़ावा देना है। इस बजट में सरकार ने कृषक उन्नति योजना, ब्याज मुक्त कृषि ऋण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और फसल बीमा जैसी योजनाओं को प्राथमिकता दी है, जो दीर्घकालिक कृषि सुधारों के लिए आवश्यक हैं।

बजट में कृषि क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक 10,000 करोड़ रुपये की “कृषक उन्नति योजना” है, जिसका उद्देश्य किसानों को नई तकनीकों से जोड़ना और उन्हें आधुनिक खेती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके साथ ही, सरकार ने 8,500 करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त कृषि ऋण की घोषणा की है, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मजबूती मिल सकती है। हालांकि, यह देखना जरूरी होगा कि यह ऋण कितने किसानों तक पहुँचता है और क्या यह वास्तविक जरूरतमंद किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा या केवल बड़े किसानों तक ही सीमित रह जाएगा।

सिंचाई सुविधाओं को सुधारने के लिए सरकार ने 700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे किसानों को जल आपूर्ति में स्थायित्व मिल सकेगा। छत्तीसगढ़ में कई क्षेत्रों में अभी भी किसानों को सिंचाई के लिए पूरी तरह से वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि इस योजना को सही से लागू किया गया, तो इससे उत्पादन लागत में कमी आएगी और किसानों को फसल चक्र में विविधता लाने में मदद मिलेगी। इसी तरह, फसल बीमा योजना के तहत 738 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को सुरक्षा प्रदान करना है। हालांकि, बीमा योजनाओं में अकसर किसानों को समय पर मुआवजा नहीं मिल पाता, जिससे वे कर्ज के बोझ में फँस जाते हैं। यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि यह बीमा योजना किसानों के लिए अधिक पारदर्शी और सुलभ हो।

इस बजट में सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन को भी बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे किसानों को वैकल्पिक आय के स्रोत मिल सकें। छत्तीसगढ़ में खेती के अलावा इन क्षेत्रों में भी अपार संभावनाएँ हैं, लेकिन अब तक इन पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया था। यदि इस योजना को सही दिशा में लागू किया गया, तो यह किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का साधन बन सकता है और कृषि क्षेत्र में विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

राज्य सरकार ने 3,500 करोड़ रुपये कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए आवंटित किए हैं, जिससे किसानों की उत्पादन लागत को कम किया जा सके। यह योजना किसानों को राहत प्रदान कर सकती है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि बिजली आपूर्ति सतत बनी रहे और वितरण प्रणाली में कोई गड़बड़ी न हो।

हालांकि, इस बजट में कई अच्छी योजनाएँ शामिल हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इनके सही क्रियान्वयन की होगी। छत्तीसगढ़ में कृषि के विकास के लिए दीर्घकालिक रणनीतियाँ बनानी होंगी, जो केवल सरकारी सहायता और सब्सिडी तक सीमित न रहकर किसानों को तकनीकी सशक्तिकरण और बाजार तक सीधी पहुँच प्रदान करें। राज्य सरकार को चाहिए कि वह फसल विविधीकरण को बढ़ावा दे ताकि किसान केवल धान की खेती पर निर्भर न रहें। इसके अलावा, भंडारण सुविधाओं, कृषि प्रसंस्करण और विपणन सुधारों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके।

इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं, लेकिन इनके प्रभावी क्रियान्वयन पर ही उनकी सफलता निर्भर करेगी। यदि यह योजनाएँ सही तरीके से लागू होती हैं, तो यह बजट कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। सरकार को चाहिए कि वह नीतियों को पारदर्शी बनाए और छोटे किसानों तक इनका सीधा लाभ पहुँचाए। यदि ऐसा हुआ, तो यह बजट छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने में सफल हो सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह घोषणाएँ केवल कागजों तक सीमित रहती हैं, या वास्तव में जमीनी स्तर पर किसानों के जीवन में बदलाव लाने में सक्षम होती हैं।

(यह छत्तीसगढ़ बजट 2025-26 के कृषि प्रावधानों और उनके संभावित प्रभावों के संदर्भ में लिखा गया है।)