मकसूदन, पीएच.डी (उद्यानिकी) फल विज्ञान विभाग
रीतेश कुमार साहू, पीएच.डी (पादप आण्विक जीव विज्ञान एवं जैव प्रोद्योगिकी विभाग)
डॉ. हेमन्त कुमार, पाणिग्रही सहायक प्राध्यापक (उद्यानिकी) फल विज्ञान विभाग

अमरूद में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। अमरूद और इस पेड़ के अन्य उत्पादों में एंटीमाइक्रोबियल एंटीफंगल एंटीडायबिटिक और एंटी डायरियल गुण पाए जाते हैं। अमरूद का उपयोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन मलेरिया श्वसन संक्रमण मुहं /दांत का संक्रमण त्वचा संक्रमण मधुमेह हृदय और कुपोषण से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद साबित हो सकता है।
  • मधुमेह के लिए अमरूद के फायदे- डायबिटीज में अमरूद के लाभ देखे जा सकते हैं। माना जाता है कि बिना छिलके वाला अमरूद ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं एक शोध से पता चलता है कि अमरूद में मौजूद पॉलीसैकराइड तत्व टाइप-2 डायबिटीज को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं दूसरी ओर अमरूद के पत्ते के अर्क में भी एंटी-हाइपरग्लिसमिक प्रभाव पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए मधुमेह के लिए डाइट में अमरूद को शामिल किया जा सकता है।
  • गर्भावस्था- अमरूद में विटामिन-सी पाया जाता है जो शरीर में आयरन के अवशोषण की बढ़ावा दे सकता है। इसलिए यह गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से होने वाली खून की कमी (एनीमिया) से बचाव कर सकता है। गर्भावस्था में विटामिन-सी की पूर्ति के लिए अमरूद का सेवन किया जा सकता है। साथ ही अमरूद से प्राप्त विटामिन-सी को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाव में भी सहायक माना जा सकता है। गर्भावस्था में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का होना प्रीक्लेम्पसिया (गर्भावस्था में उच्च-रक्तचाप) और प्रीटर्म बर्थ (समय से पहले जन्म) का जोखिम पैदा कर सकता है इसलिए विटामिन-सी का सेवन उपरोक्त स्थितियों के खिलाफ सुरक्षात्मक हो सकता है। वहीं इसमें फोलेट की मात्रा भी पाई जाती है। फोलेट एक जरूरी पोषक तत्व है जो होने वाले बच्चे में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (मस्तिष्क और रीढ़ से जुड़ा जन्मदोष) के जोखिम को कम कर सकता है।
  • कैंसर से बचाव के लिए- कैंसर से बचाव में भी अमरूद के लाभ देखे जा सकते हैं। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि अमरूद प्रोस्टेट कैंसर (पौरुष ग्रंथि से जुड़ा) के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है। दरअसल इसमें लाइकोपीन नामक तत्व मौजूद होता है जो प्रोस्टेट कैंसर सेल्स के विरूद्ध कीमोप्रीवेंटिव प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। इससे प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम से बचा सकता है।
  • आंखों के लिए- आजकल छोटी उम्र से ही बच्चों की आंखें कमजोर होने लगती हैं। ज्यादा टीवी देखना देर तक पढ़ाई करना कम रोशनी में पढ़ना बढ़ती उम्र और कई बार पौष्टिक आहार की कमी इस समस्या का कारण बन जाती है। ऐसे में आहार में अमरूद को शामिल किया जा सकता है। यह जरूरी विटामिन्स जैसे विटामिन-ए सी व फोलेट से समृद्ध होता है। साथ ही इसमें जिंक और कॉपर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और साथ ही बढ़ती उम्र के कारण होने वाले नेत्र रोग के जोखिम को भी कम कर सकते हैं।
  • पाचन शक्ति के लिए- अमरूद पाचन तंत्र को सुधारने में मदद कर सकता है। दरअसल इससे जुड़े एक वैज्ञानिक शोध में जिक्र मिलता है कि अमरूद डाइटरी फाइबर से समृद्ध होते हैं और फाइबर की कमी कब्ज की समस्या का कारण बन सकती है। ऐसे में अमरूद के जरिए शरीर में फाइबर की पूर्ति कर कब्ज से निजात पाया जा सकता है जो पाचन तंत्र को प्रभावित करने काम करता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए- अमरूद में मौजूद विटामिन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। वहीं अमरूद में मौजूद विटामिन- सी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने और रोग पैदा करने वाले रोगजनकों से लड़ने में मदद कर सकता है। ऐसे में अमरूद का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  • हृदय के लिए- अमरूद का सेवन हृदय के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल इसमें पोटेशियम की कुछ मात्रा पाई जाती है जो रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाने का काम कर सकती है जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। वहीं इसमें फाइबर पाया जाता है और फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल जो दिल की बीमारी का कारण बन सकता है उसे कम कर सकता है और कोलेस्ट्रॉल की वजह से होने वाले हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है।
  • ब्लड प्रेशर के लिए- डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन) के अनुसार उच्च रक्तचाप के कारण दिल का दौरा पड़ने आंखों की रोशनी कम होने और मौत तक होने की आशंका होती है। उच्च रक्तचाप में अमरूद को आहार में शामिल किया जा सकता हैं। वहीं जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अमरूद में पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है और पोटेशियम रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने का काम कर सकता है।
  • थायराइड के लिए- थायराइड गले में मौजूद ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि हार्मोन का निर्माण करती है और ये थायराइड हार्मोन बॉडी मेटाबॉलिज्म में अहम भूमिका निभाते हैं। वहीं जब ये हॉर्मोन असंतुलित होते हैं तो उसे थाइराइड की समस्या कहते हैं। इससे जुड़े एक शोध का मानना है कि अमरूद का सेवन थायराइड की स्थिति में सुधार कर सकता है। हालांकि यह किस प्रकार यह लाभ पहुंचाता है इससे जुड़े सटीक शोध का अभाव है।
  • कब्ज के लिए- अमरूद में फाइबर की मात्रा पाई जाती है और फाइबर मल को मुलायम बनाकर कब्ज से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कब्ज जैसे समस्या से निजात पाने के लिए अमरूद का सेवन लाभकारी हो सकता है।
  • दांतों के दर्द- अमरूद को एंटीप्लाक एजेंट के रूप में पहचान मिली हुई है। यह प्लाक यानी कि दांतों पर जमने वाली बैक्टीरिया युक्त परत से दांतों की सुरक्षा कर सकता है। इस प्लाक को पीरियडोंटल डिजीज (मसूड़ों के संक्रमण) का एक जोखिम कारक कह सकते है। अमरूद में रोगाणुरोधी गतिविधि पाई जाती है जिसका मुख्य कारण फ्लेवोनोइड्स ग्वाजाइवरिन और क्वेरसेटिन जैसे तत्व है। इसकी छाल में टैनिन की उपस्थिति के कारण यह रोगजनक बैक्टीरिया से छुटकारा दिला सकता है। अमरूद की पत्तियों के अर्क में मुंह में पाए जाने वाले कई प्रकार के जीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता देखी गई है।
अमरूद के पौष्टिक तत्व-

पोषक तत्व

मात्रा प्रति 100 ग्राम

पोषक तत्व

मात्रा प्रति 100 ग्राम

ऊर्जा

68 कैलोरी

विटामिन-के

2.6 माइक्रोग्राम

जल

80.8 ग्राम

थियामिन

0.067 मिलीग्राम

कार्बोहाइड्रेट

14. 32 ग्राम

राइबोफ्लेविन

0.04 मिलीग्राम

फैट

0.95 ग्राम

नियासिन

1.084 मिलीग्राम

प्रोटीन

2.55 ग्राम

विटामिन-बी6

0.11 मिलीग्राम

कुल कार्बोहाइड्रेट

23. 6 ग्राम

फोलेट

49 माइक्रोग्राम

डाइटरी फाइबर

5.4 ग्राम

कोलीन

7.6 मिलीग्राम

शुगर

8.92 ग्राम

कैल्शियम

18 मिलीग्राम

प्रोटीन

2.55 ग्राम

आयरन

0.26 मिलीग्राम

विटामिन-ए आरएई

31 माइक्रोग्राम

मैग्नीशियम

22 मिलीग्राम

विटामिन-सी

228.3 मिलीग्राम

फास्फोरस

40 मिलीग्राम

विटामिन-ई (अल्फा टोकोफेरॉल)

0.73 मिलीग्राम

पोटेशियम

417 मिलीग्राम