ग्लोरिया स्मिता किस्पोट्टा और खिरोमणी नाग
ई.गा.कृ.वि. रायपुर (छ.ग.)

आज के समय में बागों को उचित योजना व्यवस्था एवं विन्यास देने के लिये अनेक प्रकार के अलंकृत झाड़ी वाले पौधे की सहायता से उद्यान को बाउंड्री करने तथा गार्डन की सुरक्षा के लिए लगाया जाता है जिसके प्रयोग से उस स्थान की सुंदरता में अभिवृद्धि हो जाती है। इसलिये इसका उपयोग उद्यान को सुदंर वातावरण के साथ-साथ अलंकृत किनारा एवं अभद्र स्थानों को ढकने के लिये किया जाता है येें पौधे उद्यानों को अलंकृतकर अपनी अलग ही पहचान बनाने में अहम हैं। ये हेज पौधे को सघन पंक्ति के रुप में बागों में लगाया जाना चाहिए जो निम्न हैं- डुरंटां, जवाकुसुम, चांदनी, एकेलिफा, बारलेरिया, लैंटाना, हेमेलिया, एक्जोरा और टेकोमा इत्यादि आते हैं।

बागों में झाड़ीदार पौधों के उपयोग
1. उद्यानों में किनारा या गार्डन को दो हिस्से में सीमांकन करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

2. हेज का उपयोग बागों में सजावटी के रूप में भी किया जाता है।

3. हेज उद्यान में जानवरों के प्रवेश को रोकने में सुरक्षा प्रदान करती हैं।

4. अलंकृत पृष्ठभूमि एवं सुंदर वातावरण निर्माण करने के लिये किया जाता है।

5. पौधे से विभिन्न प्रकार के पशु आकृतियों को रूप दिया जा सकता है।

6. अवांछनीय दृश्यों को ढकने के लिये भी हेज पौधे को लगाया जाता है।

7. इसके उपयोग से उद्यान को एकांत बनाये रखने और वाहनों के अवाजोंकों कम करने मे भी सहायक के रुप मे कर सकते हैं।

8. हेज से उद्यान आदि के जगह को प्रतिबंधित करने के लिए किया जाता है।

हेज लगाने का सर्वोतम समय
हेज पौधे की अच्छी वृद्धि एवं विकास को ध्यान में रखते हुए इसको उपयुक्त समय जुलाई-अगस्त में इसे बीजों एवं कलम कैंची से तैयारकर कलमों को असानी से उद्यानों एवं अन्य स्थानों जहां में लगाना चाहते है लगा सकते है वैसे इसे अच्छी जल निकासी वाली भूमि में जरुरत के अनुसार लगाते है।

पौधे में कृतन करना
पौधे को हेज शीयर से लगाने के बाद समय-समय पर उनकी प्रूनिग करने से उन्हें झुरमुट होने से बचाने एवं सभी शखाओं में समान्य रूप से प्रकाश पहंुचाने के लिये भी किया जाता है। ऐसे करने से पौधे को एक स्वस्थ, सुंदर तथा उचित अकार देकर सुडोल बना सकते हैं। जिससे उद्यानों की पृष्ठ भूमि सजावटी के रूप में दिखने लगती हैं।

हेज लगाने के बाद देख-रेख
हेज पौधे को लगाने के बाद उसे समय-समय पर उनके आस-पास उगने वाले अवांछित पौधे को (खरपतवारों) भौतिक विधि से निकालकर पौधे को अच्छे वृद्धि एवं विकास में सहायता प्रदान कर सकते है इनके ऐसे करने से पौधा हरा भरा, खूबसूरत, सजावटी चमकीला तथा झाड़ीनुमा सजी हुई अति सुंदर जो छाया और तेज प्रकाश में शीघ्रता से बढ़वार होता है। इस पौधे को 30 सेमी की उचित दूरी में लगाने के साथ-साथ दो फुट की उंचाई होने पर समय में कटाई-छंटांई करते रहना चाहिये। जिससे हेज पौधे खूबसूरत, चमकीला तथा सुंदर साल भर बना रहें। पौधे को कृतन करने के उपरांत या लंबे समय तक वर्षा न होतो आवश्यक तापड़ने पर सिंचाई करते रहना चाहिये।