खिरोमणी नाग
पी‐एच‐डी‐ स्कॅालर, पुष्पविज्ञान एवं वास्तुकला विभाग, ई.गा.कृ.वि. रायपुर (छ.ग.)
विकास चन्द्र
प्राविधिक सहायक (कृषि विभाग), उत्तरप्रदेश सरकार
यह लता वाली पौधा है जिनको हिंदी में पोथोस कहते हैं जो एरेसी कुल का पौधा है इनकी उत्पति दक्षिण-पूर्व एशियन है। यह अलंकृत पौधा को किसी भी जगह कम से कम रख-रखाव और सीधी धूप तथा मध्यम पानी में भी आसानी से उगाया जा सकता है यह इनडोर और आउट डोर दोनों तरह के पौधे हैं इसलिए पौधे को आमतौर से घरों, कार्यलयों, कैफै, दुकानों तथा अपनी बालकनी पर या लटकती टोकरी में कहीं भी लगा सकते हैं। इसको आमतौर पर गोल्डन पोथस, डेविल्सआइवी एवं डेविल्स वाइन आदि के नाम से भी जाना जाता है। यह अपनी प्रजाति का एकमा़त्र ऐसा पौधा है जिसमें फूल नहीं लगते हैं।
पोथस पौधे के लाभ
पोथस एक ऐसा पौधा है जो कि घर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढाने से लेकर चिंता, तनाव, अच्छी दौलत और नींद संबंधी विकारों में सुधार तक ये सब में सहायक होते है जिससे मनुष्य अपनी जीवनकाल में लंबे समय तक स्वथ्य रहता है।
पोथस का उपयोग सजावट के लिये
यह घर की सजावट के लिये बहुत ही अच्छा सौंदर्य पौधे है। ये पौधे सबसे सस्ते और सुविधाजनक घर की सजावट के लिए उपयोगी है। इसके पत्तियों का हरा और पीला संयोजन दीवार के सजावट के रूप में बहुत अच्छा होता है। इनकी कोमल पत्तों की ताजगी हमें प्रकृति के बेहद ही करीब होने का एहसास दिलाने में अपनी अलग ही पहचान रखती है।
वायु को शुध्द करने में
पोथस पौधें को छोटे गमले, लटकते हुये फूलदान मे भी लगाया जाता है। ये मनीप्लांट बेेंन्जीन, फॉर्मलाडिहाइड, कार्बनमोनोऑक्साइड और जाइलीन जैसे यौगिक को इनडोर वायु से वायुजनित प्रदूषकों को हटाने के लिए आदर्श पौधा है। जिससे यह एक प्राकृतिक वायु शोधक के रूप में कार्य कर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है जिससे अपने घरों, कैफे और कार्यायल के स्थानों को इससे सुसज्जित कर सकते है।
ऑफिस रेडिएटर रूप में
पोथस से गैजेटस जैसे कंप्यूटर और फोन से उत्सर्जित आपके घरों और कार्यालय स्थनों के अंदर एक एंटीरेडिएटर के रूप में कार्य करता है। जिसके उपयोग से लोगों तथा ऑफिस के काम पर तनाव उनकी आंखों की सुरक्षा में मदद करते हैं क्योंकि यह इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स तथा उपकरणों से हानिकारक विकिरणों को दूर करता है।
शांत वातावरण बनाये रखने में
पोथस को घर के अंदर लिविंग रूम में दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिये। इससे घर में शांति और स्वस्थ वातावरण बनाये रखने में कॉफी मदद करता है। जिससे तनाव और समस्याओं को दूरकर एक सकारात्मक वातावरण प्रदान करता है।
घर को समृध्दि बनाने में
इस पौधे को हमेशा से ही सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। पोथस को घर में रखने से ही जीवन में व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में महान ऊंचाइयों को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
पोथस से स्वास्थ्य में लाभदायक
पोथस हमारी आसपास के सकारात्मक प्रभाव के लिये जाना जाता है। जिससे इस संयंत्र को घर के अंदर वाईफाई राउटर के पास रखने से शरीर पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि पोथस पौधा घर में ताजगी हवालाकर परिवार के लोगों में उनके समग्र स्वास्थ्य को मजबूत करने में मदद करता है।
पौधे के लिए वातावरण
पोथस पौधे को कम धूपवाली खुली जगह तथा मध्यम पानी में आसानी से उगाया जा सकता है इसके लिये कम से कम 12 से 30 डिग्री कमरे के तापमान में अच्छी वृध्दि और विकास करती है इसलिये पौधे को कमरे के अंदरटेबल, बालकनी तथा दीवाल पर आसानी से उगाया जा सकता है।
प्रजातियां एंव पौधे लगाना
पोथस की विभिन्न प्रजातियां जैसे गोलडेन क्वीन, नियांन क्वीन, मार्बल क्वीन, आदि जिनको तना कलम विधि से आसानीपूर्वक 4 से 6 इंच लम्बी और 2 से 3 पत्ती की नोड एक हवाई जड़ों को उपचारित की हुई मिट्टी में अच्छे से मिलाकर कलम को दबाकर लगाया जाना चाहिये जिससे जल्दी और अच्छे से पौधे लग जाये तथा इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि पौधे मिट्टी में उचित वायु संचार होने वाला होना चाहिये जिसके लिये पौधे के नीचली तली में 2 से 3 छिद्र भी करके रखना चाहिये जिससे उसके जल निकासी भी होती रहे।
पोथस पौधे को पानी और खाद देना
पोथस कलम को लगाने के तुरंत बाद हल्की पानी हजारे की सहायता से देना चाहिये। उसके बाद उसे प्रत्येक सप्ताह में एक बारही पानी देते रहना चाहिये। पौधे को मौसम के अनुसार पानी देते रहना चाहिये जिससे उनकी वृध्दि होती हुई शाख में कोई रुकावट न आए अगर गमले में पौधे लगे हों तो उसका भी ध्यान रखना चाहिये क्योंकि ज्यादा गीली मिट्टी होने से पौधे और गमले में पानी रुकने से पौधे को नुकसान हो सकता है इसलिये पानी कम से कम देना चाहिये और उन्हें जैविक खाद के रुप में केले के छिलके, कृमि खाद तथा उपयोग की हुई चाय की पत्ती भी दे सकते है। इसके अलावा रासायनिक खाद जैसे 1-1-1 मात्रा में नत्रजन, फास्फोरस और पोटाश का भी उपयोग से इनकी वृध्दि और विकास अच्छे से होने लगता है।
पोथस की प्रनिग
पोथस पौधे को समय-समय पर उनकी मृत-पत्तियों एवं अनावश्यक शाख को प्रनिग करते रहना चाहिये तथा झाड़ी होने पर उसके उपरी शीर्ष को पिंच भी कर देना चाहिये जिससे उनकी वृध्दि-विकास तथा अच्छे बढ़वार के साथ-साथ पौधे अच्छे दिख सके।
पोथस पौधे में कीड़े और रुट सर्जरी तकनकी
इस पौधे में स्पाइडर माइट और मिली-बग्स से संक्रमित पौधे को कीटनाशी से छिड़काव कर देना चाहिये तथा पौधे में रुट सर्जरी के लिये रोग लक्षण दिखने परतने, पत्तियों, भूरी काली और मटमैली जड़ों को काट लें उसके बाद कवकनाशी के साथ अन्य जड़ों को भी पौधे सहित कीटाणु रहित कर देना चाहिये। जिससे पौधे स्वस्थ्य रहे।
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