सेलोरीटा एवं वेद प्रकाश
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)

पत्थरचट्टा का पौधा हर मौसम में हरा-भरा होता है। इसके पत्ते मध्यम आकार के होते हैं और इनकी मोटाई सामान्य से थोड़ी अधिक होती है। पत्थरचट्टा की पहचान एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के रूप में भी की जाती है। औषधीय गुणों से भरपूर पत्थरचट्टा का पौधा शरीर को अनेक रोगों से मुक्त करने में मददगार है। बरसों से पत्थरचट्टा का उपयोग किडनी और मूत्र विकारों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। लेकिन यह केवल पथरी के इलाज या पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर नहीं निकलता बल्कि ये शरीर को कई तरीकों से लाभ पहुंचा सकता है। इतने गुणों से भरपूर होने की वजह से इसे कई नामों से जाना जाता है। उदाहरण के तौर पर एयर प्लांट, कैथेड्रल बेल्स, लाइफ प्लांट और मैजिक लीफ आदि। आजकल मार्केट में पत्थरचट्टा का रस, उसके सूखे पत्तों का चूर्ण और ताजे पत्ते भी आसानी से मिल जाते है।

पत्थरचट्टा के फायदे और औषधीय गुण
पत्थरचट्टा में मौजूद स्वास्थ्यवर्धक गुण कई रोगों का इलाज करने में मदद करते हैं। पत्थरचट्टा पथरी से लेकर स्किन से जुड़ी समस्याओं जैसे एक्ज़िमा और रैशेज आदि से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस गुणकारी और सदाबहार पौधे के इस्तेमाल से प्राप्त होने वाले प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में निम्न शामिल हैं-

1. पथरी के इलाज में फायदेमंद है पत्थरचट्टा
पत्थरचट्टा के सेवन से किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी से छुटकारा दिलाया जा सकता है। आयुर्वेद में इसे गुर्दे की पथरी के लिए रामबाण माना जाता है। अगर इसका काढा पिया जाए तो पेशाब में जलन, पेशाब का रुक-रुककर आना, दर्द होना जैसी मूत्र विकारों की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।

2. हाई ब्लड प्रेशर को करे नियंत्रित
पत्थरचट्टा के पत्तों से प्राप्त होने वाले रस में खास प्रकार के तत्व होते हैं, जो रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। पत्थरचट्टा का नियमित सेवन हृदय के लिए भी अच्छा रहता है। आप इसके पत्तों का रस निकालकर पांच-पांच बूंद पानी में मिलाकर रोज खाली पेट पिएं।

3. त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है पत्थरचट्टा
पत्थरचट्टा के पत्तों में खास प्रकार के कंपाउंड पाए जाते हैं, जो घाव के ठीक होने की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं। साथ ही इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन, लालिमा व जलन जैसे लक्षणों को भी कम कर देते हैं।

4. वजाइनल इन्फेक्शन में लाभकारी है पत्थरचट्टा
अगर किसी महिला को वेजाइनल इंफेक्शन की शिकायत है तो पत्थरचट्टा बहुत ज्यादा लाभकारी होता है इस समस्या से निजात पाने के लिए पत्थरचट्टा के पत्तों को उबालकर काढ़ा बना लें और शहद डालकर इसका सेवन करें।

5. इंफ्लामेशन को करे ठीक
इसके 4-5 पत्तों को पीसकर एक लेप तैयार कर सकते हैं और उसे घाव, चोट वाली जगह पर लगा सकते हैं। ऐसा करने से आपको तुरंत आराम मिलेगा। शरीर पर हुए रैशेज या खुजली की समस्या भी इससे ठीक होगी

6. खूनी दस्त के इलाज के लिए
पत्थरचट्टे का सेवन से खूनी दस्त को रोकने में काफी मदद मिलती है। इसके लिए इसके पत्तों से रस निकालें और उसमें चुटकी भर पीसा हुआ जीरा और आधा चम्मच देशी घी डालकर अच्छी तरह मिला लें। इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार करें।

7. संक्रमण को फैलने से रोकता है पत्थरचट्टा
पत्थरचट्टा पर कुछ अध्ययन किए गए और इसमें पाया गया कि इसके पत्तों में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल एजेंट पाए जाते हैं, जो संक्रमण का कारण बनने वाले कुछ प्रकार के बैक्टीरिया और फंगस नष्ट करने की क्षमता रखते हैं।

पत्थरचट्टा का उपयोग कैसे करें
पत्थरचट्टा का इस्तेमाल निम्न तरीकों से किया जा सकता है-
  • पत्तों के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर
  • धुले हुए पत्तों को सलाद में काटकर
  • सब्जियों के साथ उबालकर
  • पीसकर त्वचा पर भी लगाया जा सकता है

हालांकि, आपको पत्थरचट्टा का इस्तेमाल किस प्रकार और कितनी मात्रा में करना चाहिए इस बारे में जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

पत्थरचट्टा से होने वाले नुकसान
पत्थरचट्टा का सेवन कुछ लोगों के शरीर में विषाक्त प्रभाव पैदा कर सकता है और ऐसे में उन्हें निम्न लक्षण हो सकते हैं -
  • पेट में दर्द
  • सीने में जलन
  • जी मिचलाना या उल्टी
  • खट्टी डकार आना
  • दस्त लगना

पत्थरचट्टा से कुछ लोगों को एलर्जी के लक्षण भी हो सकते हैं, जिससे त्वचा में खुजली, सूजन, लाल चकत्ते और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

बता दें कि अभी तक पत्थरचट्टा के गंभीर नुकसान देखने को नहीं मिले हैं। लेकिन अगर आप किसी चिकित्सक दवाई का सेवन कर रहे हैं तो हो सकता है कि पत्थरचट्टा के सेवन से इन दवाइयों का असर कम हो जाए या बढ़ जाए। ऐसे में पत्थरचट्टा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है। वहीं गर्भावस्था के दौरान भी महिलाएं पत्थरचट्टा का सेवन करने से पहले अपने एक्सपर्ट से संपर्क करें उसके बाद ही पत्थरचट्टा का सेवन करें। इसका सेवन करने से पहले एक बार एकस्पर्ट से इसकी मात्रा की भी जानकारी लें। इसका अत्यधिक सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।