डॉ. द्रोणक कुमार साहू, अतिथि शिक्षक, दुग्ध व्यवसाय प्रबंधन विभाग
डॉ. कृष्ण कुमार चौधरी, प्राध्यापक, दुग्ध व्यवसाय प्रबंधन विभाग,
दुग्ध विज्ञान और खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर (छ.ग.)

दूध उत्पादन एवम व्यवसाय को शुरु करने के लिए, आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है। यह बहुत ही आसान प्रक्रिया नहीं है, क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक ध्यान रखने और देखभाल करने की आवश्यकता है। इसके लिए आपको निम्नलिखित तथ्यों का पालन करने की आवश्यकता है, उनमें से कुछ प्रकार है:
  • पशुओं के आवास घरों, प्रजनन, चारा खिलाना, पशुओं की संख्या आदि के सन्दर्भ में फार्म के लिए निर्धारित लक्ष्य और उद्देश्य होने चाहिए।
  • व्यवसायिक डेरी फार्म के बारे में पर्याप्त विश्लेषण और अनुभवशाली लोगों या फार्म के मालिकों के साथ चर्चा ज्ञान का विस्तार और सफलता के रहस्यों को बढ़ाता है।
  • सबकुछ विस्तार से सीखने के लिए किसी पास के फार्म में पर्याप्त प्रशिक्षण लेना चाहिए।
  • आपको मवेशियों से संबंधित सभी वस्तुओं; देखभाल, स्वास्थ्य, चारे और पानी को एक स्थान पर उपलब्ध कराना चाहिए।
  • उपलब्ध पूँजी के अनुसार व्यवसाय की योजना निर्धारित करनी चाहिए।
  • ऐसे कर्मचारियों को नियुक्त करना चाहिए, जो तकनीक व व्यवहारिक अनुभव के साथ कठिन परिश्रम करने वाले और भरोसेमंद हो।
  • मूल्य और दूध उत्पादों के अनुसार नियमित दूध के वितरण को सुनिश्चित करने के लिए पास के बाजार में जाना चाहिए।
  • उत्पादों के उचित मूल्य के साथ आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए बाजार में उपभोक्ताओं के साथ अच्छे संबंध बनाने चाहिए।
  • अनुभव के साथ तकनीकी ज्ञान और दूध उत्पादन को सफलता पूर्वक चलाने के लिए व्यापार योजना बनानी चाहिए।

दूध उत्पादन व्यवसाय को शुरु करने के लिए आवश्यकताएं-

1. दूध उत्पादन व्यवसाय के निम्नलिखित महत्वपूर्ण आयाम हैं:
  • गाय या भैंस की अच्छी नस्लें व्यापार शुरु करने के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।
  • वातावरण के अनुकुल पशुओं के रहने का स्थान।
  • पर्याप्त पोषण और देखभाल के संसाधन।
  • चारे और पानी की व्यवस्था।
  • बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रबंध।
  • दूध के वितरण के लिए संसाधन और प्रभावी बाजार।
  • कचरा प्रबंधन।
  • पशुओं के नस्ल एवम प्रजनन क्षमताओं की अच्छी समझ।
  • मवेशियों में अनुराग, प्रजनन के लिए सही समय, गर्भाधान से संबंधित बीमारियाँ आदि को समझने के लिए अनुभवी व्यक्ति का होना।



2. दूध उत्पादन को शुरु करने के लिए चुनौतियाँ:
दूध उत्पादन को शुरु करने वाले लोगों को, आमतौर पर, नए दूध उत्पादक के रुप में या भविष्य में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना करके सफलता प्राप्त करने के बारे में पता होना चाहिए। दूध उत्पादन को शुरु करने के समय आने वाली कुछ सामान्य चुनौतियाँ इस प्रकार है:
  • दूध उत्पादन का व्यवसाय पूँजी, परिश्रम, और पर्याप्त प्रबंधन पर आधारित है।
  • इसके लिए उच्च बुनियादी ढांचे और चिकित्सकीय लागत की आवश्यकता होती है।
  • बिना किसी रणनीति और योजना के दूध उत्पादन व व्यापार में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • एक छोटी सी गलती और अनुचित देखभाल गाय और भैंसों की विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकता है।
  • इसके लिए उच्च उत्पादक प्रजनन क्षमता को बनाए रखने की आवश्यकता होती है।
  • व्यापार के सभी पहलुओं पर गहन और व्यापक ज्ञान की आवश्यकता होती है।
  • प्रतिकूल मौसम और जलवायु की परिस्थितियाँ बड़े स्तर पर दूध उत्पादन को प्रभावित करती है।
  • दूध या इसके उत्पादों का विपणन भी काफी चुनौतिपूर्ण होता है।
  • इसके लिए उच्च कौशल और प्रतियोगी परिश्रम की आवश्यकता होती है।
  • बहुत सी छोटी गाय समय पर गर्भधारण नहीं करती है।
  • दूध के उत्पादों की गुणवत्ता और स्वच्छता को बनाए रखना चुनौतिपूर्ण कार्य है।
  • इस व्यवसाय को शहरी क्षेत्रों और शहरों में शुरु करना बहुत ही चुनौतिपूर्ण है, क्योंकि इसकी लागत बहुत अधिक होती है।
  • इसको बड़े पैमाने पर बढ़ाना चुनौतिपूर्ण होता है।
  • इस व्यवसाय को गाय के साथ शुरु करना प्रारम्भ में बहुत कम लाभ देता है, क्योंकि गायों के परिपक्वता और दूध के उत्पादन को शुरु करने में समय लगता है।
  • 4 या 5वें गर्भाधान के बाद, दूध का उत्पादन कम होने लगता है और यहाँ तक कि, इसके रखरखाव के लिए भी पर्याप्त नहीं होता है।

उपरोक्त चुनौतियों का सामना करके दूध के उत्पादन से समुचित लग अर्जित क्र सकते है कृषि आधारित दूध उत्पादन एवं विपणन ग्रामीण स्तर पर एक लाघदायक व्यवसाय साबित हो सकता है क्यूकि इसके द्वारा गांव में ही स्वरोजगार का सृजन हो सकता है एवं बेरेजगारी की समस्या का आंशिक समाधान हो सकता है।