त्रिशला साहू, सुमन साहू, उषा यादव (रिसर्च स्कॉलर)
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)

खासतौर पर हरी साग-सब्जियां किसी आयुर्वेदिक औषधि से कम नहीं हैं। बथुआ हर घुर में खाया जाने वाला आम साग है, बथुए का साग जितना अधिक से अधिक सेवन किया जाए, निरोग रहने के लिए उपयोगी है। बथुए में लोहा, पारा, सोना, क्षार, बहुत से विटामिन- A, D खनिज, कैल्शियम, फास्फोरस होता है। कई बीमारियाँ दूर करने के लिए भी बथुए का प्रयोग किया जाता है। किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें

बथुआ के फायदे
  • दांतों की समस्या- बथुुए की पत्तियों को कच्चा चबाने से सांस की बदबू, पायरिया और दांतों से जुडी अन्य समस्याओं में फायदा होता है।
  • कब्ज करें दूर- कब्ज से राहत दिलाने में बथुआ बेहद कारगार है, लकवा, गैस की समस्या में यह काफी फायदेमंद है।
  • ख़त्म करता है कीड़े- बच्चो को कुछ दिनों तक लगातार बथुआ खिलाया जाए तो उनके पेट के कीड़े मर जाते हैं, बथुआ पेट दर्द में भी फायदेमंद है।
  • खून साफ़ करे- बथुए को 4-5 नीम की पत्तियों के रस के साथ खाया जाए तो खून अन्दर से शुद्ध हो जाता है साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है।
  • बढाता है पाचन शक्ति- भूख में कमी आना, खाना देर से पचना, खट्टी डकार आना जैसी स्वास्थय समस्याओं के लिए भी बथुआ खाना फायदे मंद है
  • पोलियो में फायदे मंद- बथुआ और गिलोय का रस लेकर एक सिमित मात्रप् में दोनों को मिलाएं फिर इस मिश्रण का 25-30 ग्राम रोज दिन में 2 बार लें फायदा होगा।
  • स्किन एलर्जी को करता है दूर- बथुए को उबालकर इसका रस पिने और सब्जी बनाकर खाने से चरम रोग जैसे सफ़ेद, फोड़े- फुंसी, खुजली में भी आराम मिलता है, इसके अलावा बथुए के पत्तों को पीसकर इसका रस निकालें, अब 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाएं और इसे धीमी आंच में पकाए इसके पानी को पियें।
  • बालों के लिए- बालों का ओरिजिनल कलर बनाएं रखने में बथुआ आंवले से कम गुणकारी नहीं है।
  • पथरी में सहायक- यह शाक प्रतिदिन खाने में गुर्दों में पथरी नहीं होती, 1 ग्लास बथुए के रस में शक्कर मिलाकर रोज पिने से पथरी गलकर बाहर निकल जाती है।
  • कैंसर- आयुर्वेद में किये गये शोध के अनुसार बथुए को नियमित खाने में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका कम हो जाती है। इसमें मौजूद सेलिनियम, ओमेगा-3 व् 6 फैटी एसिड, ब्रेस्ट कैंसर रोधक होते हैं।
  • मासिक धर्म की रुकावट- 2 चम्मच बथुआ के बिज को 1 ग्लास पानी में उबालें, उबलने पर आधा पानी बचने पर इसे छानकर पिने से रुका हुआ मासिक धर्म आता है।
  • आँखों की सुजन पर- रोजाना बथुए का साग खाने से आँखों की सुजन दूर हो जाती है।
  • जलन- आग से जले अंग पर कच्चे बथुए का रस बार बार लगाने से जलन शांत हो जाती है।
  • खांसी में- बथुए की पत्तों की सब्जी बनाकर सेवन करें इससे खांसी में आराम मिलता है।
  • बवासीर में- बथुआ का सेवन खुनी बवासीर में भी लाभ पहुचाता है। बथुआ के पत्ते के रस को बकरी के दूध के साथ सेवन करें।
  • रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में- जिन लोगों की रोग प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर हो, बथुआ के सब्जी में सेंधा नमक मिलाकर, छाछ के साथ सेवन करें। इससे रोग से लड़ने की शक्ति मजबूत होती है।