महाराष्ट्र में सतारा जिले के कोरेगांव तहसील के गांव के किसानों को अब नई किस्म के साथ 45-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज मिल रही है, जबकि पहले औसत उपज 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी.

सूखे की मार के कारण चर्चा में रहने वाला महाराष्ट्र इस बार अपनी गेहूं की बेहतरीन किस्म के कारण चर्चा में है. गेहूं की इस किस्म से उत्पादन दो गुना तक बढ़ गया है. इसकी खेती के करने वाले किसान को महाराष्ट्र सरकार ने ज्यादा उत्पादन के मामले में सम्मानित भी किया है. भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, आगरकर अनुसंधान संस्‍थान (एआरआई) के वैज्ञानिकों ने गेहूं की सबसे बेहतरीन किस्मों में से एक मैक्‍स (Macs) 6478 विकसित किया है. ज्यादा पैदावार के अलावा ये किस्म दूसरी फसलों की अपेक्षा ज्यादा पौष्टिक भी है.

महाराष्ट्र में सतारा जिले के कोरेगांव तहसील के गांव के किसानों को अब नई किस्म के साथ 45-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज मिल रही है, जबकि पहले औसत उपज 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी. इसी जिले के गांव करंजखोप में तो गेहूं की पैदावार दो गुनी तक बढ़ गई. अब तक कुल 10 किसानों ने लगभग 14 एकड़ भूमि पर इस किस्म की खेती कर चुके हैं और परिणाम बेहतरीन रहे हैं.

सतारा के किसान को मिला पुरस्कार
उच्च गुणवत्ता और ज्यादा उत्पादन वाले गेहूं की इस किस्म से बेहतरीन उत्पादन लेने के मामले में सतारा के किसान चंगदेव यादव को कृषि विभाग महाराष्ट्र ने सम्मानित किया है.

सतारा जिले के तालुका कोरेगांव में रहने वाले यादव ने पिछले रबी सीजन में गेहूं की किस्म मैक्‍स (Macs)6478 खेतों में लगाया था. इससे उनके प्रति हेक्टेयर में गेहूं का उत्पादन 45 से 60 क्विंटल हो गया जो पहले 25 से 30 क्विंटल होता था. इसके लिए उन्हें जिलास्तरीय क्रॉप कंपीटीशन में दूसरा स्थान मिला.

चंगदेव यादव कहते हैं कि हमें प्रेरित करने के लिए विभाग से गेहूं किस्म मैक्‍स 6478 दिया गया था. इससे उत्पादन दो गुना तक बढ़ चुका है

किसानों को कैसे मिलेगा यह बीज
गेहूं की इस किस्म के लिए आगरकर अनुसंधान संस्‍थान ने फोन नंबर और ई-मेल आईडी शेयर किया है, जिस पर बात करके जानकारी लेने के अलावा आप बीज के लिए ऑर्डर भी दे सकते हैं.

आगरकर अनुसंधान संस्‍थान बीज वैज्ञानिक मनोज दिनेश ओख ने टीवी9 हिंदी को बताया कि यह बीज अभी महाराष्ट्र के किसानों के लिए ही उपलब्ध है क्योंकि इसे यहां के पर्यावरण को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है. देश के दूसरे राज्यों के लिए अभी हम काम कर रहे हैं. बीज किसान महाराष्ट्र के सरकारी बीज खरीद केंद्रों से खरीद सकते हैं.

अधिक जानकारी के लिए वैज्ञानिक अजीत एम चव्हाण (amchavan@aripune.org, मोबाइल-9423007238), जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग ग्रुप, और डॉ.पीके धाकफालकर, निदेशक (कार्यकारिणी), एआरआई, पुणे, (director@aripune.org, pkdhakephalkar@aripune.org, 020-25325002) पर संपर्क किया जा सकता है.

साभार:- टीवी9 हिंदी