अमन, सूर्यकांत सोनवानी और अमित नामदेव
पी.एच.डी. स्कॉलर (फार्म मशीनरी और पावर इंजीनियरिंग)
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर

सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) कम्बाईन हार्वेस्टर से जुड़ने वाला एक उपकरण है। कम्बाईन हार्वेस्टर से धान की कटाई के बाद खेत में बिखरे हुए अवशेष (पराली) की लंबाई लगभग 35-60 से.मी. होती है तथा खड़े अवशेष (ठूंठ) की लंबाई 30-45 से.मी. होती है। इन अवशेषों को मशीनों द्वारा मिट्टी में मिलाना संभव नही है। अतः इस कार्य को आसान बनाने हेतु पराली को छोटे-छोटे टुकड़ो में काटने हेतु कम्बाईन हार्वेस्टर से जुड़ने वाला उपकरण सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया जाता है।
    सामान्य कम्बाईन फसल के दाने निकालने के पश्चात अवशेष को एक पंक्ति में सीधे खेत में छोड़ देती है जो गेहूँ की बिजाई में सबसे ज्यादा बाधा उत्पन्न करते है। इनके प्रबंधन के लिए स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम एक प्रभावी मशीन है। इस सिस्टम को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने सन् 2016 में विकसित किया था। यह कंबाइन हारवेस्टर के पीछे लगने वाली एक अतिरिक्त अटैचमेंट है, जिसमे एक रोटर के ऊपर ब्लेड लगे होते है जो धान की पराली को 10-12 से.मी. के छोटे-छोटे टुकड़ो में काटकर समान रूप से खेत में फैला देते हैय जबकि सामान्य कम्बाईन हारवेस्टर में इसकी लम्बाई 25-30 से.मी. होती है। इस विधि के साथ, अगली फसल की बुवाई से पहले किसानों को धान की पराली जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हरियाणा सरकार ने धान (चावल) की फसल कटाई के लिए उपयोग होने वाली कंबाइन हारवेस्टर मशीनों में धान अवशेष प्रबंधन के लिए स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम को अनिवार्य किया है। यह निर्देश वायु धारा (रोकथाम एवं प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा (31) ए के तहत जारी किए गए थे तथा जिन नये कंबाइन हारवेस्टर में एस एम एस अटैचमेंट नहीं है उनके पंजीकरण को भी रोक दिया है। इस बीच, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कृषि अपशिष्ट जलाने के लिए जुर्माना निर्धारित कर दिया है और राज्य सरकारों को फसल अवशेष जलाए जाने वालों पर प्रबल होने के लिए तकनीकी रूप से वैकल्पिक उपायों का सुझाव देने के निर्देश दिये है।

स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम के साथ कम्बाइन हारवेस्टर

सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) के लाभ
  • धान अवशेष के छोटे-छोटे टुकड़ो को आसानी से मिट्टी के अंदर मिला सकते है या जीरो टिल ड्रिल और हैप्पी सीडर का उपयोग करके इन्हे ज्यों का त्यों छोड़ा जा सकता है।
  • गेहूं की बिजाई के लिए उपयोग होने वाले हैप्पी सीडर की कार्य क्षमता में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है।
  • अगली फसल की बुवाई से पहले किसानों को धान की पराली जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  • मिट्टी की सतह पर उपस्थित अवशेष एक मल्च के रूप में काम करते है, जो गेहूं के अंकुरण में मदद के साथ-साथ नमी को बचा कर जल संरक्षण में भी सहायक है।
  • अवशेष समय के साथ गल सड़ कर मिट्टी में जैविक तत्वों को बढ़ाने, पोषक तत्वों को बनाए रखने व मिट्टी की संरचना को सुधारने में भी मदद करते है।

लोकप्रियता में दिक्कते
  • कम्बाइन हारवेस्टर ऑपरेटरों का कहना है कि पुराने कम क्षमता वाले कंबाइन हारवेस्टर पर एस.एम.एस. फिट करना आसान नहीं होगा और किसानों पर अधिक वित्तीय बोझ डालेगा।
  • यह कम्बाइन में तेल की खपत को 2.5 से 3 लीटर प्रति घंटा बढ़ाता है।
  • स्ट्रॉ मैनजमेंट सिस्टम युक्त कम्बाइन हार्वेस्टर की कीमत सामान्य कंबाइन की अपेक्षा 1 से 1.50 लाख अधिक है।