सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कपूर, लौंग और अजवाइन का मिश्रण में नीलगिरी के तेल मिलाकर पोटली बनाकर सूंघने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है।

मैसेज में क्या है दावा?

वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है, 'कपूर, लौंग, अजवाईन, कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल की पोटली बनाएं और इसे दिन और रात भर सूंघते रहें। ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। यह पोटली लद्दाख में पर्यटकों को तब दी जाती है जब ऑक्सीजन का स्तर कम होता है। यह एक घरेलू उपाय है...कृपया शेयर करें।' इस मैसेज को कई अन्य यूजर ने भी ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर किया है।
 
कपूर, लौंग, अजवाईन, कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल की पोटली बनाएं और इसे दिन और रात भर सूंघते रहें। ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।

यह पोटली लद्दाख में पर्यटकों को तब दी जाती है जब ऑक्सीजन का स्तर कम होता है।
यह एक घरेलू उपाय है ...
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दावे की सच्चाई क्या है?

कूपर के बारे में आपको बताने की जरूरत नहीं है। यह काफी ज्वलनशील होता है। इसमें एक सुगंध होती है। कई बार खुजली और दर्द को खत्म करने के लिए इसे शरीर के किसी हिस्से पर रगड़ा जाता है। कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है लेकिन कई शोध में भी यह साबित हो गया है कि नाक के जाम होने या खुलने से ऑक्सीजन लेबल का कोई संबंध नहीं है।

कपूर से हो सकता है नुकसान

नॉन-मेडिकल कपूर की असंतुलित खुराक से या सूंघने से शरीर में इंफेक्शन भी हो सकता है, खासकर बच्चों में। इससे शरीर में पॉइजन बनने की संभावना है। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ पॉइजन कंट्रोल सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में, अमेरिका में कपूर विषाक्तता के लगभग 9,500 मामले मिले थे, जिनमें से 10 मामले जानलेवा हो गए थे, जबकि अन्य विकलांगता वाले थे। कपूर की अधिक खुराक से विषाक्तता हो सकती है और गंभीर दौरे पड़ सकते हैं। 

साथ ही आपको बता दें कि कुछ पुराने अध्ययनों में पाया गया है कि कपूर और नीलगिरी के तेल का नाक बंद होने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके अलावा अभी तक कोई ऐसी रिसर्च या स्टडी नहीं है जो ये साबित कर सके कि लौंग और अजवाइन से ब्लड ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है। ऐसे में इस मैसेज को शेयर ना करें और लोगों को भी जागरूक करें।