इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित पांच कृषि महाविद्यालयों को अधोसंरचनात्मक एवं शैक्षणिक सुविधाओं के विकास एवं आधुनिकीकरण के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा एक-एक करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र भाटापारा, बेमेतरा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोरिया को विश्व बैंक पोषित राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत भवन मरम्मत, रख-रखाव, कार्यालयीन सामग्री, प्रयोगशाला उपकरण, फर्नीचर, कम्प्यूटर एवं पुस्तकों के क्रय हेतु यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी। यह राशि वित्तीय वर्षों 2020-21 एवं 2021-22 में उपलब्ध कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के तहत संचालित कृषि महाविद्यालयों को मान्यता प्रदान करने हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के एक दल द्वारा विभिन्न कृषि महाविद्यालयों में उपलब्ध अधोसंरचनात्मक एवं शैक्षणिक सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया था। दल की मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर आई.सी.ए.आर. द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गतःः 11 शासकीय कृषि महाविद्यालयों को मान्यता दी गई थी और पांच कृषि महाविद्यालयों में सुविधाओं में कुछ कमियाँ पाए जाने के कारण इन्हें मान्यता नहीं दी जा सकी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा इन महाविद्यालयों में पाई गई कमियों को दूर करने के लिए उपरोक्त राशि उपलब्ध कराई जा रही है। उपरोक्त राशि के समुचित व्यय और योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के लिए कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डाॅ. एस.एस. राव को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस परियोजना के तहत प्रत्येक कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र को कार्यालयीन सामग्री हेतु 15 लाख रूपये, प्रयोगशाला उपकरणों हेतु 40 लाख रूपये, फर्नीचर हेतु 3.70 लाख रूपये, कम्प्यूटर एवं सहायक सामग्री हेतु 11.90 लाख रूपये और पुस्तकों के क्रय हेतु 13 लाख रूपये की राशि प्रदान की जाएगी। महाविद्यालय भवनों में छोटी-मोटी मरम्मत एवं साज-सज्जा हेतु 5 लाख रूपये की राशि दी जाएगी। इसके अलावा संचालन व्यय एवं यात्रा व्यय जैसे आवर्ती व्यय हेतु 11.40 लाख रूपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।




                                                  स्रोत: सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर