प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों/जिलों सहकारी
केन्द्रीय बैंक के माध्यम से लागू प्रमुख योजनाएं 

प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा प्रदत्त सुविधाएं    
1. 0% ब्याज दर पर ऋण की सुविधा- राज्य शासन द्वारा स्वीकृत ब्याज राहत योजना के अन्तर्गत कृषकों को 0ः ब्याज पर अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण की सुविधा दी जा रहीं हैं साथ ही ऐसे लघु एवं सीमान्त कृषक जो परम्परागत गौ-पालन, मतस्य पालन एवं फल-फूल, सब्जी, मशरूम औषधि एवं सुगंधित फसलों की खेती करते हों, उनको 2 लाख रु. की अधिकतम सीमा तक ऋण राषि 1% ब्याज दर पर तथा 2 लाख से 3 लाख रु. तक ऋण 3% ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जा रहा हैं। 

2. रूपे किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा- 0% ब्याज पर रु. 5.00 लाख तक की अधिकतम सीमा के अंतर्गत कृषकों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदत्त की जा रहीं हैं, जिसमें रु. 3.00 लाख नगद तथा रु. 2.00 लाख वस्तु के रूप में स्वीकृत किये जाने का प्रावधान हैं कृषकों को जरूरत के अनुसार समय पर ऋण प्रदाय किया जा रहा हैं। यह ऋण सुविधा प्रदेश में सभी समितियों में लागू हैं। रूपे किसान क्रेडिट कार्ड से कृषकों को बार-बार ऋण हेतु आवेदन तथा अन्य कागजात समिति को नहीं देना पड़ता, जिससे ऋण प्राप्त करना कृषकों के लिए सहज एवं सुगम हो जाता हैं। सभी किसान क्रेडिट कार्ड धारी किसानों को रूपे के.सी.सी. जारी किये जा रहे हैं जिससे किसान नगद राशि का आहरण देश के अंदर किसी भी ए.टी.एम. मशीन से कर सकेंगे। 

3. खाद एवं बीज की सुविधा- अपने क्षेत्र के कृषकों की मांग के अनुरूप उत्तम गुणवत्ता की कृषि आदान सामग्री, रासायनिक खाद एवं उन्नत किस्म के प्रमाणित बीजों का वितरण शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर करने की सुविधा। इस सुविधा से जहां एक ओर कृषकों को नजदीक की समितियों से खाद एवं बीज उचित मूल्य पर उपलब्ध हो जाते हैं वहीं दूसरी ओर बाजार में इन वस्तुओं के मूल्य भी काफी हद तक नियंत्रित होते हैं। 

4. वनपट्टा धारी कृषकों को ऋण सुविधा- वनपट्टाधारी कृषकों को खाद, बीज एवं नगद राशि की सुविधा हेतु ऋण मान का 50% राशि बैंक द्वारा स्वीकृत किया जा रहा हैं। 

5. लघु सिंचाई योजनाओं के लिए ऋण- लघु सिंचाई के अंतर्गत कुआँ, पम्प, ट्यूबवेल आदि के लिए 9 वर्षीय ऋण उपलब्ध कराया जाता हैं। शासन से प्राप्त होने वाले विभिन्न अनुदान योजनाओं के अंतर्गत अनुदान प्राप्त होने पर, अनुदान की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं। 

6. ट्रैक्टर क्रय करने हेतु ऋण की सुविधा- समितियों द्वारा 6 एकड़ नलकूप सिंचित तथा 9 एकड़ नहर, तालाब एवं अन्य से सिंचित तथा 18 एकड़ असिंचित भूमिधारी कृषकों को ट्रैक्टर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं। ट्रैक्टर के साथ ट्राली तथा कृषि उपकरणों के लिये भी ऋण उपलब्ध कराया जाता हैं। 

7. स्वयं सहायता समूहों को ऋण सुविधा- समितियों द्वारा क्षेत्र में गठित महिला एवं कमजोर वर्गों के स्व-सहायता समूह को उनके द्वारा संकलित अमानतों के अनुपात में विभिन्न उद्देश्य के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता हैं। प्रथमतः अमानत के बराबर, द्वितीय बार में अमानत से दोगुना, तत्पश्चात अमानत से चार गुना की सीमा तक स्व-सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराया जाता हैं। 

8. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों का संचालन- राज्य शासन एवं केन्द्र शासन की सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजनान्तर्गत उचित मूल्य की दुकानों का संचालन सहकारी समितियों के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा हैं जिससे प्रदेश की 70ः ग्रामीण आबादी लाभान्वित हो रहीं हैं। छ.ग. शासन की लोकप्रिय योजना ’’मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना’’ का क्रियान्वयन भी इन्हीं उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से किया जाता हैं। 

9. धान उपार्जन व्यवस्था का संचालन- प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से धान उपार्जन का कार्य किया जाता हैं यह व्यवस्था पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत हैं। कृषकों को उपार्जन केन्द्र स्तर पर ही तौलाई कर धान विक्रय करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं। साथ ही उसी दिवस उसकी उपज का वास्तविक मूल्य ऑनलाइन भुगतान किया जाता हैं। कृषकों को धान के माध्यम से ऋण की अदायगी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती हैं। इस व्यवस्था से कृषकों को उनकी उपज का उचित मूल्य संस्था स्तर पर ही प्राप्त हो जाता हैं, जिससे बिचैलियों द्वारा किये जा रहें षोषण से भी किसानों को मुक्ति मिलती हैं। 

10. अन्य विविध कार्यों का निष्पादन- सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य प्रकार के विविध कार्यों का संपादन किया जाता हैं, जिससे क्षेत्र के ग्रामीण लाभान्वित होते हैं ऐसे प्रमुख कार्यों में मुख्य रूप से संयुक्त देयता समूह- जैसे एक ही व्यवसाय करने वाले 4-5 किसानों का समूह तैयार कर ऋण उपलब्ध कराना, मध्यान्ह भोजन चावल का वितरण, पूरक पोषण आहार वितरण एवं समय-समय पर षासन द्वारा सौंपे गये समस्त प्रकार के कार्यों का सफलता पूर्वक निष्पादन तथा बैंकिंग सुविधाओं की जानकारी कृषकों तक पहुंचाने हेतु कृषक क्लब का गठन किया जा रहा हैं।