मुस्कान तिवारी, (J.Fr. IFFCO)
रायपुर (छ.ग.)
राज्य छत्तीसगढ़ में मानसून के साथ खरीफ सीजन की शुरुआत हो गई है-
धान का कटोरा कहे जाने वाले इस राज्य में जोरों-शोरों से धान फसल की तैयारी चल रही है एवं बुवाई, रोपाई चरम सीमा पर है। साथ ही फसल हेतु खाद एवं उर्वरकों की मांग भी तेजी से बढ़ी है।
इफको द्वारा निर्मित नैनो डीएपी, दानेदार डीएपी का एक बेहतर विकल्प है-
नैनो उर्वरक, रासायनिक दानेदार उर्वरकों का एक श्रेष्ठ, अधिक उत्पादन देने वाला एवं प्रदूषण रहित विकल्प है। इसके उपयोग से दानेदार उर्वरकों की मात्रा को 50% तक कम किया जा सकता है तथा गुणवत्तापूर्ण पैदावार प्राप्त की जा सकती है। इससे फसल, मिट्टी एवं किसान—तीनों को लाभ होगा।
इफको द्वारा किसानों तक नैनो डीएपी के प्रचार-प्रसार हेतु कई साधनों का उपयोग किया जा रहा है-
नैनो डीएपी का बीज उपचार या फिर पौध उपचार करने का यह सबसे उपयुक्त समय है। इसके लिए प्रचार वाहन एवं फील्ड में कार्यरत कर्मचारी किसानों के पास जाकर तथा खेतों में प्रदर्शन के माध्यम से इसके उपयोग की विधि एवं लाभ समझा रहे हैं।
आइए जानते हैं इसके उपयोग की सही विधि-
नैनो डीएपी: नर्सरी में बीज डालना हो या सीधे बीज की बुआई द्वारा फसल लगानी हो या पौध की रोपाई करनी हो, नैनो डीएपी से बीज या पौध का उपचार करना पहला कदम होगा। बीज का उपचार करने हेतु 5 मिलीलीटर नैनो डीएपी प्रति किलोग्राम बीज या 5 मिलीलीटर नैनो डीएपी प्रति लीटर पानी में मिलाकर बीज या पौध की जड़ों को लगभग आधे घंटे के लिए घोल में डुबोकर रखें, फिर इसे निकालकर बुआई/रोपाई करें। इसके बाद रोपी फसल पर 20 दिन बाद और बोई गयी फसल पर अंकुरण के 30 दिन बाद पर 4 मिलीलीटर नैनो डीएपी प्रति लीटर पानी की दर से यानी की 15 लिटर वाली स्प्रेयर की टंकी में ढ़ाई ढ़क्कन की मात्रा मिलाकर नैनो डीएपी का पत्तियों पर छिड़काव करें। ड्रोन द्वारा भी इसका छिड़काव आसानी से किया जा सकता है ।
एक किसान भाई द्वारा दो अलग-अलग हिस्सों में प्रयोग किया गया।
एक हिस्से में नैनो डीएपी से उपचारित बीज की बुवाई की गई तथा दूसरे हिस्से में बिना बीज उपचार किए बुवाई की गई।
जिस हिस्से में बीज का उपचार नैनो डीएपी से किया गया था, वहाँ धान के पौधों की जड़ों का विकास बेहतर हुआ है, पौधे हरे-भरे, स्वस्थ एवं सशक्त दिखाई दे रहे हैं।
वहीं जिस हिस्से में बीज उपचार नहीं किया गया था, वहाँ पौधों का विकास अच्छा नहीं हुआ है। जड़ों की वृद्धि में स्पष्ट कमी देखी जा सकती है और पौधे कमजोर नजर आ रहे हैं।
यह स्पष्ट रूप से सिद्ध करता है कि नैनो डीएपी से बीज उपचार करना फसल के प्रारंभिक विकास हेतु अत्यंत लाभकारी है।
समिति (सहकारी समिति) में भी ट्रे डिमांस्ट्रेशन में इसका प्रयोग करके देखा गया,
जिसमें पौधों की स्थिति में स्पष्ट रूप से अंतर देखा जा सकता है।
ट्रे में किए गए इस प्रदर्शन में जिन पौधों के बीजों का उपचार नैनो डीएपी से किया गया था, वे पौधे अधिक स्वस्थ, हरे-भरे एवं मजबूत नजर आए। वहीं जिन बीजों का उपचार नहीं किया गया था, उनके पौधे कमजोर, एवं अविकसित दिखाई दिए।
यह प्रयोग दर्शाता है कि नैनो डीएपी बीज उपचार फसल के अच्छे अंकुरण, जड़ विकास और समग्र स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी एवं प्रभावी है।
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