जतीन कुमार, प्रक्षेत्र सहायक, अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग,
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
श्रीकांत साहू, पीएचडी रिसर्च स्कॉलर, सब्जी विज्ञान विभाग,
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, पाटन, दुर्ग (छ.ग.)
छत्तीसगढ़ के किसानों को अब मौसम का सटीक पूर्वानुमान मिलेगा और वे अब विकासखंड स्तर पर ही अपनी फसलों को मौसम संबंधी अनिश्चितताओं से बचा सकेंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर परिसर में लगभग 10 करोड़ रुपए की लागत से सटीक मौसम पूर्वानुमान देने के लिए डॉप्लर रडार स्थापित किया गया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की अध्यक्षता में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली के बीच डॉप्लर रडार की स्थापना के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। इसकी स्थापना लागत और संचालन व्यय भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में डॉप्लर राडार नहीं लगने के कारण अब तक सटीक मौसम पूर्वानुमान प्राप्त नहीं हो पाता था। डॉप्लर राडार लगने से विकासखंड स्तर तक सटीक मौसम की जानकारी और पूर्वानुमान मिल सकेगा, जिसका लाभ राज्य के 37 लाख किसानों और आम लोगों को मिलेगा। वर्तमान में डॉप्लर रडार की सुविधा नागपुर और विशाखापट्टनम में उपलब्ध है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के किसानों को मौसम पूर्वानुमान की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती थी। भारतीय मौसम विभाग के उप महानिदेशक डॉ. एमएल साहू ने बताया कि रायपुर में सी बैंड डॉप्लर रडार लगाया जा रहा है, जिसकी तरंगदैर्घ्य 4 से 8 गीगाबाइट है। इससे वायुमंडल में बर्फ और पानी के कणों की सटीक जानकारी मिलती है। इससे तूफानों के आने का भी सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। इस तरह अचानक मौसम में होने वाले बदलावों का सटीक पूर्वानुमान मिल जाता है।
मौसम का करेगा सटीक पूर्वानुमान
डॉप्लर रडार की मदद से, मौसम की निगरानी की जाती है और मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता है। डॉप्लर रडार से मौसम का पूर्वानुमान लगाने का तरीका: डॉप्लर रडार, माइक्रोवेव सिग्नल को लक्ष्य पर भेजता है। जब यह सिग्नल लक्ष्य से टकराता है, तो उसका एक हिस्सा वापस आता है।वापस आने वाले सिग्नल की आवृत्ति में बदलाव, लक्ष्य की गति को बताता है। रडार, इस बदलाव का विश्लेषण करके वस्तु की गति का पता लगाता है।रडार से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण करके, मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता है।
डॉप्लर रडार से मौसम पूर्वानुमान में मिलने वाली जानकारी: बारिश की तीव्रता, वायु की दिशा और गति, चक्रवात का केंद्र, धूल के बवंडर की दिशा, वर्षा का प्रकार।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र से अगले 05 दिनों के लिए मध्यम अवधि का मौसम पूर्वानुमान-
District |
Date |
Rainfall (mm) |
Max temp (oC) |
Min Temp (oC) |
Cloud (Octa) |
Max RH (%) |
Min RH (%) |
Wind |
|
Speed (Kmph) |
Direction |
||||||||
RAIPUR |
18-01-25 |
0 |
30 |
17 |
0 |
70 |
35 |
8 |
NE |
RAIPUR |
19-01-25 |
0 |
31 |
17 |
0 |
70 |
35 |
7 |
N |
RAIPUR |
20-01-25 |
0 |
32 |
18 |
0 |
70 |
35 |
6 |
N |
RAIPUR |
21-01-25 |
0 |
32 |
19 |
0 |
65 |
30 |
7 |
N |
RAIPUR |
22-01-25 |
0 |
33 |
20 |
0 |
65 |
30 |
5 |
NE |
Weather Based Agro-advisories
किसानों को मौसम के कारण होने वाले फसलों की आर्थिक क्षति से बचाएगा ये राडार
सी-बैंड पोलारिमेट्रिक डॉपलर मौसम रडार एक अत्याधुनिक स्वदेशी रडार है। रडार विकास इसरो द्वारा देश की मौसम पूर्वानुमान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी मौसम रडार को डिजाइन और विकसित करने के राष्ट्रीय प्रयास के रूप में एक पहल है। इसका उद्देश्य पूरे देश को निर्बाध रूप से कवर करने के लिए मौसम रडार का एक नेटवर्क स्थापित करना है और इस तरह गंभीर मौसम की स्थिति, चक्रवात की चेतावनी और उचित मौसम पूर्वानुमान का प्रभावी पता लगाना सुनिश्चित करना है। प्रभावी वर्षा अनुमान और जल-मौसम वर्गीकरण के लिए दोहरी पोलारिमेट्री लागू की गई है।
यह रडार 500 किलोमीटर तक लंबी दूरी की मौसम निगरानी प्रदान करता है। यह एस-बैंड में काम करता है और चक्रवात और अन्य गंभीर मौसम स्थितियों के मापदंडों का पता लगाने और अनुमान लगाने में सक्षम है। यह रडार गंभीर मौसम स्थितियों का पूर्वानुमान लगा सकता है ताकि जीवन और संपत्ति के नुकसान के संदर्भ में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए आवश्यक निवारक कदम उठाए जा सकें।
तकनीकी राडार स्थापना की महत्ता एवं उपयोगिता
डॉपलर राडार इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय में स्थापित किया गया है किंतु मौसम पूर्वानुमान का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। जल्दी ही मौसम पूर्वानुमान का कार्य प्रारंभ हो जाएगा जो छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा । डॉपलर रडार तकनीक का निष्कर्ष यह है कि यह विभिन्न वायुमंडलीय स्थितियों को मापने और निगरानी करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है, विशेष रूप से वर्षा, हवा के पैटर्न और बवंडर और तूफान जैसी गंभीर मौसम की घटनाओं पर नज़र रखने के लिए। इसके अनुप्रयोग मौसम विज्ञान से परे विस्तारित हैं, इसका उपयोग विमानन, समुद्री नेविगेशन और यहां तक कि कानून प्रवर्तन जैसे क्षेत्रों में भी किया जा रहा है। कुल मिलाकर, डॉपलर रडार आधुनिक मौसम विज्ञान प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो गतिशील मौसम पैटर्न को समझने और प्रतिक्रिया देने की हमारी क्षमता को बढ़ाता है।
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