सोनल चौरसिया, इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर
विनय कुमार तिवारी, इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर
डॉ. अनिमेष चन्द्रवंशी, कृषि अभियांत्रिकी विभाग, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र जांजगीर- चाम्पा
दुनिया भर में बढ़ती खाद्य और जल संसाधनों की मांग के कारण कृषि में नवाचारों की आवश्यकता बढ़ गई है। सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों में मिट्टी और जल संरक्षण महत्वपूर्ण हैं ताकि दीर्घकालिक कृषि उत्पादकता बनी रहे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित खेती किसानों को संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने और पर्यावरणीय क्षति को कम करने में मदद कर सकती है।
AI संचालित मृदा सेंसर और रिमोट सेंसिंग तकनीकें वास्तविक समय में मिट्टी की नमी, पोषक तत्वों के स्तर और संरचना का डेटा प्रदान करती हैं। मशीन लर्निंग एल्गोरिदम इस डेटा का विश्लेषण कर मिट्टी की उर्वरता की भविष्यवाणी करते हैं और किसानों को उर्वरकों का सटीक उपयोग करने का सुझाव देते हैं, जिससे अति प्रयोग को रोका जा सके और मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे। पानी की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में AI-सक्षम सिंचाई प्रणालियाँ, जैसे कि स्वचालित ड्रिप सिंचाई और IoT-सक्षम स्प्रिंकलर, पूर्वानुमानित विश्लेषण का उपयोग करके मौसम, मिट्टी की नमी और फसल की आवश्यकताओं के आधार पर पानी की आपूर्ति को अनुकूलित कर सकते हैं। यह जल अपव्यय को कम करता है और फसलों की पैदावार बढ़ाता है।
किसान अक्सर अपनी ज़रूरतों के अनुसार विश्वसनीय और समय पर उपलब्ध कृषि संबंधी जानकारी प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करते हैं। “किसान एआई” जैसे AI टूल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को वॉइस-आधारित सहायता के साथ जोड़कर इस समस्या को सुलझा रहा है। यह प्लेटफॉर्म स्थानीय भाषाओं में वॉइस-आधारित प्रश्नोत्तर तकनीक प्रदान करता है, जिससे महत्वपूर्ण कृषि संबंधी जानकारियाँ किसानों की पहुँच में हमेशा बनी रहती हैं। यह नवीन तकनीक किसानों को उनकी मातृभाषा में सवाल पूछने की मुफ्त सुविधा देती है, जिससे जानकारी अधिक सुलभ, समावेशी और आसानी से समझने योग्य बनती है। इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध जानकारी सुव्यवस्थित, भरोसेमंद और निष्पक्ष है, जो किसानों को फसल प्रबंधन, मौसम अपडेट, बाजार प्रवृत्तियों और सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों पर सटीक जानकारी प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाता है। इसे उपयोग करने के लिए किसान को निम्नलिखित सरल चरणों का पालन करना होगा:
वेबसाइट पर जाएं या मोबाइल ऐप डाउनलोड करें। अपनी भाषा का चयन करें ताकि किसान अपनी मातृभाषा में सवाल पूछ सकें। फसल, मिट्टी, कीट नियंत्रण, मौसम, सिंचाई जैसी किसी भी समस्या पर सवाल पूछें। AI तुरंत विश्लेषण कर व्यक्तिगत सलाह देगा, जो फसल और क्षेत्र के अनुसार होगी। प्राप्त सुझावों को लागू करें और खेती की उत्पादकता बढ़ाएं।
किसान AI का प्रभाव ग्रामीण किसानों पर बहुत सकारात्मक रहा है। इस टूल का उपयोग करने वाले किसानों ने अपनी उपज में वृद्धि देखी है, कीटों के हमलों में कमी पाई है, और जल संसाधनों का अधिक कुशलतापूर्वक उपयोग हो रहा है। यह प्लेटफॉर्म उन किसानों को सशक्त बनाता है जो दूरस्थ क्षेत्रों में रहते हैं और जिन्हें कृषि विशेषज्ञों तक पहुँच नहीं मिल पाती।
इसी तरह, कृषि निदान ऐप AI और मशीन लर्निंग का उपयोग कर फसलों में होने वाली बीमारियों और कीटों की समस्या का शीघ्र पता लगाता है। इसे उपयोग करने के लिए किसान को निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
किसान इसे आधिकारिक वेबसाइट या ऐप स्टोर से अपने स्मार्टफोन में एप्लिकेशन इंस्टॉल कर सकते हैं। ऐप खोलने के बाद किसान अपनी फसल का चयन करें। प्रभावित पौधे की फोटो क्लिक करें या पहले से खींची गई तस्वीर अपलोड करें। ऐप मशीन लर्निंग का उपयोग कर फोटो का विश्लेषण करेगा और संभावित रोगों, कीटों या पोषक तत्वों की कमी का पता लगाएगा। ऐप बीमारी या कीट नियंत्रण के लिए जैविक व रासायनिक उपचार के बारे में मार्गदर्शन देगा। किसान अपनी फसल की सेहत पर नज़र रख सकते हैं, रोकथाम के उपाय कर सकते हैं और क्षेत्र में उभर रहे खतरों के बारे में सूचनाएँ प्राप्त कर सकते हैं।
कृषि निदान ऐप किसानों के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित हो रहा है क्योंकि यह फसल नुकसान को कम करता है और उन्हें तुरंत समाधान देता है। यह उन क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रभावी है जहां कृषि विशेषज्ञों की पहुँच सीमित है। यह ऐप किसानों को उत्पादन बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और अनावश्यक कीटनाशकों के उपयोग को कम करने में सहायता करता है।
AI आधारित कृषि तकनीकों का उपयोग कर किसान संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं, उत्पादन बढ़ा सकते हैं और पर्यावरणीय प्रभावों को कम कर सकते हैं। जैसे-जैसे तकनीक विकसित होगी, कृषि क्षेत्र में AI का बढ़ता उपयोग वैश्विक खाद्य सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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