रिया उपाध्याय (मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग)
छत्तीसगढ में मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है मानसून की सक्रियता के प्रदेश के अधिकांश जिलों में सोयाबीन की बुवाई का कार्य चल रहा है। सोयाबीन की बुवाई के तत्काल बाद किसान साथी खरपतवार नाशक दवाई का इस्तेमाल करते हैं, ताकि खरपतवार से सोयाबीन की फसल को नुकसान ना हो।
खरपतवार नाशक दवाई के इस्तेमाल के पूर्व किसान साथियों की सबसे बड़ी समस्या यह रहती है कि कौन सी दवाई का इस्तेमाल करें और कौन से नहीं। बाजार में कई प्रकार की दवाइयां खरपतवार नाशक दवाइयां उपलब्ध है जैसे में किसान यह तय नहीं कर पता कि कौन सी उचित है। ऐसे में आज आपको सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए सबसे उपयुक्त दवाई के विषय में बताते हैं।
खरपतवार नियंत्रण के लिए कौन सी दवाई उपयुक्त रहेगी
बाजार में कई प्रकार की खरपतवार नाशक दवाइयां उपलब्ध है। इनके अलग-अलग फार्मूले हैं। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इनमें से खरपतवार नाशक दवाई पेंडीमेथेलीन 30 प्रतिशत + इमिजाबाईपर 2 प्रतिशत सबसे उपयुक्त रहती है। इस फार्मूले से निर्मित दवाई मार्केट में कई कंपनियों की मिल जाएगी। कंपनी का चयन किसान अपनी मर्जी से कर सकता है।
कब प्रयोग करना चाहिए
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक दवाई का उपयोग बुवाई से पहले कर सकते है। इस बात का आप विशेष ध्यान रखें कि बीज का अंकुरित होने से 72 घंटे पहले आप को इस दवाई का प्रयोग करना जरूरी है।
कितनी मात्रा में उपयोग करें (आवश्यक मात्रा प्रति हेक्टयर)
इस दवाई का प्रयोग आपको प्रति हेक्टेयर 2.5 लीटर के हिसाब से करना होगा। कृषि विशेषज्ञों द्वारा सुझाई गई अनुशंसित मात्रा का उपयोग करने से रिजल्ट अच्छा मिलता है।
कौन कौन से खरपतवार नाशक नियंत्रित होते हैं?
सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने वाली इस दवाई से खेत में सकरी या चौड़ी पत्ती का खरपतवार नियंत्रित हो जाता है। इस दवाई का प्रयोग करने के पश्चात लगभग 45 दिन तक खरपतवार नहीं उगता है।
खरपतवार प्रबन्धन हेतु आवश्यक सावधानियां
- खरपतवारनाशी के उपयोग का पूर्ण लाभ लेने के लिये अनुशंसित पानी की मात्रा (150-200 ली./एकड़) होना चाहिए।
- अनुशंसित नोजल (फ्लेट फॅन या फ्लड जेट) नोजल का उपयोग करना चाहिए।
- खरपतवारनाशी का उपयोग नमीयुक्त भूमि में करना चाहिए।
- खरपतवारनाशी रसायन को उचित मात्रा में तथा उचित समय पर छिडकना चाहिए।
- खरपतवारनाशी का छिडकाव पूरे खेत में समान रूप से होना चाहिए।
- एक ही खरपतवारनाशक का बार बार उपयोग न करे अर्थात रसायन चक्र अपनाना चाहिए।
- खरपतवार नाशक दवाई का प्रयोग करते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि रसायन शरीर पर न पड़े। खरपतवार नाशक दवाई के लिये विशेष पोशाक, दस्ताने, चश्में इत्यादि का प्रयोग करना चाहिए।
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