निखिल तिवारी
शोधार्थी कृषि व्यवसाय प्रबंधन
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर 

डिजिटल मार्केटिंग क्या है?
आज के डिजिटल युग में, अधिकांश ग्राहक सेवाओं और उत्पादोंको ऑनलाइन खोजते हैं, जिससे कंपनियों के पास एक मजबूत डिजिटल मार्केटिंग रणनीति का होना आवश्यक हो जाता है। डिजिटल मार्केटिंग इन कंपनियों को अपने उत्पाद अथवा सेवाओं की विशेषता दिखाने, ब्रांड जागरूकता बढ़ाने और सर्च इंजन, सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग और कंटेंट मार्केटिंग जैसे विभिन्न डिजिटल चैनलों के माध्यम से विक्रय बढ़ाने का कार्य करती है। इन्टरनेट के दौर में कंपनीयों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी उत्पाद अथवा सेवाओं के प्रचार द्वारा ग्राहकों के मन में रूचि उत्पन्नकर उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की जाने वाली गतिविधियां डिजिटल मार्केटिंग कहलाती है।

इन्टरनेट के बढ़ते उपयोग ने कंपनियों को पारंपरिक प्रचार के माध्यमों के स्थान पर डिजिटल मार्केटिंग पर अधिक ध्यान देने के लिए विवश किया। आज उद्योग जगत के लगभग सभी व्यवसाय किसी ना किसी रूप से डिजिटल मीडिया में अपने उत्पाद अथवा सेवाओं का प्रचार-प्रसार कर रहें हैं।

भारत में महत्व
स्टेटि स्टिटा की रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व में सर्वाधिक इन्टरनेट उपभोक्ताओं के मामले में दुसरे स्थान पर है, भारत में कुल 69.2 करोड़ इन्टरनेट उपभोक्ता है। साथ में IBEF की एक रिपोर्ट के अनुसार इन्टरनेट चलाने वाला प्रत्येक भारतीय प्रतिदिन औसतन 2 घंटे 26 मिनट सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि का उपयोग करता है तथा अधिकांश भारतीय निम्न 4 सोशल मीडिया का सर्वाधिक प्रयोग करते हैं।

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भारत की इतनी बड़ी इन्टरनेट उपयोग करने वाली जनसँख्या कंपनियों द्वारा अपने उत्पाद एवं सेवा की मार्केटिंग के लिए भारत में डिजिटल मार्केटिंग को अन्य किसी भी प्रकार की मार्केटिंग के स्थान पर अधिक प्रभावशाली एवं आवश्यक बनातें हैं।

डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार

1. सर्चइंजन ऑप्टिमाइजेशन
यह एक ऐसी तकनीक (माध्यम) है, जो वेबसाइट को सर्चइंजन के परिणाम पर सबसे ऊपर जगह दिलाता है, जिससे व्यूअर्स की संख्या में वृद्धि होती है। इसके लिए वेबसाइट को कीवर्ड्स और सर्चइंजन ऑप्टिमाइजेशन गाइडलाइन्स के अनुरूप बनाना होता है।

2. सोशल मीडिया
सोशल मीडिया कई प्रकार की वेबसाइटों जैसे फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि से मिलकर बना है। सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों, भावों को अन्य लोगों के सामने रख सकता है। जैसा की हम सभी ने देखा है, विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइट पर थोड़ी-थोड़ी देर में विज्ञापन दिखते हैं, यह विज्ञापन आपकी पसंद से जुड़े हो भी सकते हैं और नहीं भी। इन विज्ञापनों के माध्यम से कम्पनी अपने उत्पाद एवं सेवाओं का प्रचार करती है।

3. ई-मेल मार्केटिंग
ई-मेल मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग का एक महत्वपूर्ण प्रकार है, इस प्रकार की मार्केटिंग में कंपनी अपने उत्पाद- सेवाओं अथवा छुट ग्राहकों को समय- समय पर ई-मेल के माध्यम से भेजती है। कम्पनियां विभिन्न रोचक कंटेंट के माध्यम से ग्राहकों को उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित करती है। किसी भी कंपनी द्वारा अपने उत्पादों को ई-मेल द्वारा पहुंचाने को ई-मेल मार्केटिंग कहते है।

4. यूट्यूब चैनल
यूट्यूब, सोशल मीडिया मार्केटिंग का एक ऐसा माध्यम है जिसमे उत्पादक, रिटेलर, ब्रोकर आदि अपने उत्पाद- सेवाओं को लोगों के सामने सीधा पहुंचा सकता है। इसमें यूट्यूब वीडियों के माध्यम से अपने उत्पादों का प्रचार किया जाता है।

5. एफिलिएट मार्केटिंग
वेबसाइट, ब्लॉग और लिंक्स के माध्यम से उत्पादों के विज्ञापन करने को एफिलिएट मार्केटिंग कहा जाता है। इसके अन्तर्गत कंपनिया विभिन्न सोशल मीडिया इन्फ़्लुएन्सेर आदि को अपना लिंक बनाकर, ग्राहकों को कंपनी के उत्पादको उस लिंक माध्यम से ग्राहकों को खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं। जब ग्राहक उस लिंक द्वारा आपका उत्पाद खरीदता है, तो इन्फ़्लुएन्सेर को उस खरीदी का कुछ हिस्सा मिलता है।

6. एप्समार्केटिंग
इंटरनेट पर अलग-अलग प्रकार के एप्लीकेशन बनाकर लोगों तक पहुंचने और उन एप्स द्वारा अपने उत्पाद का प्रचार करने को ही एप्स मार्केटिंग कहते हैं। आज कल बड़ी संख्या में लोग स्मार्ट फोन्स का उपयोग कर रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने एप्स बनाती हैं और एप्स को लोगों तक पहुंचाती है।

डिजिटल मार्केटिंग एवं कृषि क्षेत्र
कृषि क्षेत्र की कंपनियों के लिए डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से अपना विक्रय बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर है। डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से कम्पनियाँ कम समय में अधिक से अधिक संभावित ग्राहक तक पहुँच सकती है। “डिजिटल क्रांति’ के इस युग में किसान भी पीछे नहीं है। QQRI की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 60 प्रतिशत किसान आज मोबाइल के माध्यम से इन्टरनेट इस्तेमाल करते हैं। उसमें से 15 प्रतिशत किसान ही कृषि सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इन्टरनेट का इस्तेमाल करते हैं। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में कृषि के क्षेत्र में 6088 रजिस्टर्ड भारतीय स्टार्टअप है, कृषि क्षेत्र की इनपुट, कृषि विपणन आदि कंपनियों के लिए इसे उपयोगकर्ता सम्भावित ग्राहक है, अतः कृषि क्षेत्र की सभी बड़ी कंपनियां डिजिटल मार्केटिंग के लिए करोड़ो-अरबों रुपये खर्च कर रही है।

वर्तमान समय में डिजिटल मार्केटिंग कृषि के क्षेत्र में काम कर रहे, युवा उद्यमियों के लिए कम समय में अधिक से अधिक उपभोक्ताओं तक पहुँचने का सबसे सरल साधन है। कृषि उद्यमियों द्वारा इंटरनेट के प्रयोग से अपने वस्तु अथवा उत्पाद की मार्केटिंग कर अधिक से अधिक लाभार्जन किया जा सकता है। उपर्युक्त मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के प्रयोग से कम समय में बड़ी कंपनी स्थापित करने वाली कम्पनियाँ जैसे प्लांटिक्स आदि ने कम समय में ही सफलता प्राप्त कर अन्य उद्यमियों के लिए उदहारण प्रस्तुत किया है। डिजिटल मार्केटिंग के सही प्रयोग के लिए उद्यमियों को इसका समुचित ज्ञान होना आवश्यक है। आज कल इन्टरनेट में डिजिटल मार्केटिंग के बहुत से कोर्स ऑनलाइन भी उपलब्ध है। इसके साथ- साथ सफल मार्केटिंग के लिए रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ सहीं कंटेंट का प्रयोग करना भी आवश्यक है। आजकल कम्पनियाँ डिजिटल मार्केटिंग के लिए इस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाली एजेंसी अथवा कंपनियों को रख लेती हैं, जिससे कम्पनी अपने अन्य कार्य प्रबंधन पर प्राथमिकता से कार्य कर सकें।