लाल सिंह पटेल
यंग- प्रोफेशनलप् ज.प. बड़ेराजपुर, जिला- कोण्डागांव
किरण कुमार श्याम
1. बेल पत्ती की दवाई:
सामाग्री -
- बेल पत्ती-5 कि.ग्रा
- गौमूत्र- 5 ली.
- निरमा पाउडर- 50 ग्राम
बनाने कि विधिः-
सर्व प्रथम वेल पत्तीयों को कुटकर पेस्ट बना ले इस पेस्ट को 5 ली. गौमुत्र में डालकर 4 बार उबाल आने तक गर्म करते है। ठंडा होने पर कपड़े से छान कर एक एकड़ के लिए 100 ली. पानी मिलाकार स्प्रे करें।
उपयोग-
यह दवाई के उपयोग करने से धान के खेत में ब्लास्ट व शीथ ब्लाइट के लिये अत्यंत उपयोगी है, व अन्य फंफूद वाले बिमारी के लिये भी उपयोगी है।
2. खट्टा मठ्ठा की दवाई-
समाग्रीः-
- दही - 6 लीटर
- पानी - 100 लीटर
बनाने की विधिः-
6 लीटर दही को 8 दिनों तक सड़ाकर 100 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करने से धान के झूठा कठू़वा बिमारी की रोकथाम होती है।
उपयोग-
खट्टा मठ्ठा को फूल आने की अवस्था में उपयोग करने से फुल से फल आने का प्रतिशत बढ़ता है। व फफुंद जनीत रोग से निदान मिलता है।
3. फिटकरी की दवाई-
सामाग्री
- पानी - 100 लीटर
- फिटकरी - 1/2 कि.ग्रा.
बनाने की विधि -
आधा किलो फिटकरी का चुरा बनाकर 500 ली. पानी में घोल देवें । इस घोल का उपयोग सभी जीवाणु जनीत रोगों का रोकथाम के लिये एक एकड़ में छिड़काव करना चाहिए ।
उपयोगः-
भूमि में जिवाणु जनित रोग के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे पौधों का हरा अवस्था में सूखना व मरना ।
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