डॉ. रोहित (आनुवंशिकी एवंपादपप्रजनन विभाग) 
कुमारी देवी चौबे कृषि महा. एवं अनु. केन्द्र, साजा, बेमेतरा
डॉ. रामकुमार देवांगन (फल विज्ञान विभाग) 
उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनु. केन्द्र, जगदलपुर, बस्तर

परिचय:- 
लघु धान्य फसलों को मिलेट कहा जाता है। मिलेट एक प्रकार का अनाज होता है। मिलेट में दो तरह के अनाज आते है।

1. मोटा अनाज

2. छोटे दाने वाले अनाज

सामान्य तौर पर मिलेट से लोगों को बाजरा की ओर ध्यान जाता है। इसका कारण यह है कि बाजरा मिलेट में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

विभिन्न प्रकार कें मिलेट्स
1. बाजरा

2. ज्वार

3. श्रागी

4. चेना 

5. कंगनी 

6. फुटकी

7. कोदोमिलेट

8. बार्नयार्डमिलेट

9. हरीकंगनी आदि।

महत्वः-
मिलेट के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए एक अहम महत्वपूर्ण होते जा रहा है। आज मनुष्य अपने शरीर की ठीक से देखभाल भी नही कर पा रहा है। जिससे उनके शरीर में अनके बिमारियॉ उत्पन्न होती जा रही है। इन सभी तथ्यों को देखते हुए आज वर्तमान समय में लघु धान्य फसलों की ओर लोग बढ़ते जा रहे है। क्योकि इन फसलों के दानों में अनेक प्रकार की गुणवत्ता पायी जाती है। जो हमारे स्वास्थ्य को ठीक रखने में महत्वपूर्ण हो सकती है।
कुछ लघु धान्य फसलों के पोषकतत्व से हम अवगत करा रहें-
जैसे-

1. बाजरा- बाजरा की खेती राजस्थान, गुजरात ,पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में होती है। यह सूखा क्षेत्रों में उच्च तापमान में भी आसानी से उगाया जाता है। बाजरा प्रोटीन ,आयरन ,कैल्शियम ,फाइबर ,थाइमिन और नियासिन का बढ़िया श्रोत है। इसमें कॉपर ,मैग्नीशियम, सेलेनियम ,जिंक ,फोलिक एसिड और एमीनो एसिड भी मौजूद है। इसके सेवन से शरीर मजबूत बनता है , हड्डियां मजबूत होती है, खून की कमी पूरी होती है, कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है, कैंसर की सम्भावना कम होती है, कब्ज की समस्या ठीक होती है। अस्थमा में भी इसके सेवन से राहत मिलता है और शुगर का स्तर कम होता है। जिसको थायराइड की समस्या हो उन्हें प्रतिदिन बाजरा नहीं खानी चाहिए।

2. ज्वार- ज्वार की कई प्रजाति की खेती की जाती है। जिनमें से अधिकतर पशु के चारे के लिए उगाई जाती है। ज्वार की एक प्रजाति Sorghum Bicolor  खाने के काम आती है। इसे डायबिटीज में और वजन कम करने के लिए अच्छा अनाज बताया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए इसे सालों भर खाया जा सकता है। इसकी रोटी ज्यादा पसंद की जाती है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और फाइबर होने के कारण इसके सेवन से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। यह ग्लूटेनमुक्त अनाज है और आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

लघुधान्य फसलों की पोषकीय विशेषताएँ

कोदो अनाज से स्वास्थ्य लाभ-

1. औषधीय गुणों से भरपूर कोदो कफ और पित्तदोष को शांत करता है।

2. कोदो मिलेट को ब्लड प्यूरी फायर कहा जाता है।

3. यह डायबिटीज, हार्टडिजीज, कैंसर और पेट सम्बन्धी समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

4. कोदो मिलेट को लिवर और किडनी के लिए अच्छा अनाज बताया जाता है। किडनी सम्बंधित रोगो में इसका सेवन औषधि की तरह कार्य करता है।

रागी अनाज से स्वास्थ्य लाभ-

1. रागी कैल्शियम का बेहतरीन श्रोत है। 100 ग्राम रागी से 344 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता है।

2. इसे 6 से 8 घंटे भिगोने के बाद शिशु के लिए आहार तैयार किया जाता है।

3. यह सुपाच्य होता है और उनके सम्पूर्ण विकास में मदद करता है।

4. यह लिवर और पेट को स्वस्थ रखने में सक्षम है।

कुटकी अनाज से स्वास्थ्य लाभ-

1. यह प्रोटीन ,फाइबर और आयरन का बहुत बढ़िया श्रोत है।

2. कुटकी /सामा के सेवन से डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है।

3. यह हृदय के लिए भी अच्छा अनाज है।

4. माइग्रेन में इसके सेवन से आराम मिलता है। यह एसिडिटी , अजीर्ण ,खट्टा डकार जैसी समस्या से छुटकारा दिलाता है।