खिरोमणी नाग एवं शशिकिरण मिंज
पी‐एच‐डी‐ स्कॅालर, पुष्पविज्ञान एवं वास्तुकला विभाग, इं‐गा‐कृ‐वि.वि. रायपुर (छ.ग.) 
विकास चन्द्र, प्राविधिक सहायक (कृषि विभाग), उत्तरप्रदेश सरकार

परिचय
डहलिया कंपोजिटी कुल का पौधा है। इनका उद्भव स्थान मेक्सिको है। यह बड़े आकार का अनेक रंगों और आकारों में पाया जाने वाला आकर्षक फूल है जिसमें नीले रंग को छोड़कर विभिन्न रंगो और रूपों की प्रजातियां पाई जाती है। रंग बिरंगें फूलों के कारण डहलिया के पौधे बागों की शोभा बढाने के लिये लगाये जाते हैं। इसके पौधे दो-ढाई मीटर तक ऊँचे होते हैं। डहलिया के फूल सूर्यमुखी के सदृश्य होते हैं। इनके नयी किस्मों में गेंद के सदृश गोल तथा रंग बिरंगें फूल बनतें है। आजकल डहलिया का व्यापक रूप से आर्थिक उ६ेश्य में भी उपयोग किया जाता हैं। जैसे - भूनिर्माण, कटेफूल, दवा उद्योग, कॉस्मेटिक, भोजन और रंगों के निष्कर्षण के लिए कच्चेमाल के रूप में इस सजावटी पौधे और फूल दोनों का उपयोग किया जाता है।

पिंचिंग कब और कैसे करें
बगीचे में डहलिया के फूलों से हरा-भरा हुआ बनाने के लिये पिंचिंग पौंधों की वृध्दि के लिये महत्वपूर्ण क्रिया हैं। इसके लिए पोधे की बढ़ी हुई पार्श्व की कैंची से कटाई किया जाता है। पिंचिंग से नयी शाखाएं और पत्तियां जल्दी निकलती हैं और इसमें ज्यादा फूल निकलते हैं। पिंचिंग मतलब कटाई के लिए सबसे पहले ऊपर की तरफ बढ़ी हुई पत्तियों को कैंची से नीचे शाख की कटाई किया जाता हैं।

डहलिया में पिंचिंग क्यों करें-

1. पिंचिंग किसी विशेष मौसम के लिए फूलों को समायोजित करने के लिये किया जाता है।

2. डहलिया में पिंचिंग पौधे जब 3-4 जोडी पत्तियों के साथ 15-20 सेमी की ऊंचाई के होने पर करते हैं।

3. पौधे में केवल 1.5 से 3 सेमी लंबे नर्म वानस्पतिक प्ररोह युक्तियों को हटाया जाता है।

4. झाडीदार डहलिया की पार्श्व विकास में ब्रांचिंग को प्रोत्साहित करने के लिए।

5. डहलिया में पिंचिंग डाली पर फूल कलियों का उत्पादन बढाने।

6. पिंचिंग की प्रक्रिया फूलों को रोकने में सहायक होती है।

7. डहलिया से अधिक पैदावर लेने के लिए उसे सदैव पंक्तियों में उगाया जाता हैं।

8. बडे आकार और आकर्षक फूल लेने के लिये उन्हें यह पिंचिंग किया जाता है।