त्रिशला साहू और सुमन साहू
(पीएचडी स्कॉलर और एम. टेक.)
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
वर्तमान में जब कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो लोग आयुर्वेद की शरण में जा पहुचे, और गिलोय खासा चर्चा में रहा। प्राचीन काल से ही गिलोय के पत्तियों का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों में, एक खास तत्त्व के रूप में किया जाता है।
अमृता से तात्पर्य-
संस्कृत में गिलोय को “अमृता” के नाम से जाना जाता है। जिसका शाब्दिक अर्थ है “अमृता की जड़“। गिलोय कोंआयुर्वेद में अमृत की संज्ञा दी गयी है।गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों को भी अपने अन्दर समाहित कर लेती है, इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को सर्वोत्तम औषधि माना जाता है। इसे “नीम-गिलोय” के नाम से भी जाना जाता है।
गिलोय क्या है-
गिलोय, गुडूची, अमृता जिसका वैज्ञानिक नाम “टीनोस्पोरा कोर्दीफोलिया हैं। गिलोय एक वर्णपाती बेल हैं, जो भारत के कई हिस्सों में पाई जाती है। गिलोय के पत्ते दिल के आकार (झिल्लीदार और पतले) के होते है। यह गर्मियों के दौरान हरे पीले फूलों के रंग के हो जाते हैं।
- सर्दियों में यह पौधें अधिक देखे जाते हैं।
- गिलोय को लोग सजावटी पौधों के रूप में घरो में भी लगाते हैं।
गिलोय में मौजूद पोषक तत्त्व-
इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, विटामिन (ए और सी), कार्बोहाइड्रेट्स, वसा और नमी पाया जाता हैं।
गिलोय का उपयोग कैसे करे–
आमतौर पर गिलोय का सेवन 3 रूपों में करसकते हैं:
1. गिलोय सत्व
2. गिलोय जूस या गिलोय स्वरस
3. गिलोय चूर्ण
गिलोय के चमत्कारिक फायदे-
1. मधुमेह के रोकथाम में- गिलोयजूस ब्लड शुगर के बढ़े स्तर को कम करती हैI
2. डेंगू के इलाज में- एंटीपायरेटिक गुण बुखार को जल्दी कम करते है, साथ ही इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करके, डेंगू का असर कम कर देता है।
3. एनिमिया में लाभ- शरीर में खून कीकमी से एनिमियारोग होता है। गिलोय रस के सेवन से शरीर में खून की कमी कमी दूर होती हैI
4. त्वचा कर लिए गुणकारी- त्वचा संबंधी रोगों और एलर्जी को दूर करने में सहायक है। गिलोय के तनो से बना पेस्ट लगाकर दूर किया जा सकता है।
5. कान की बीमारी में- गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर ले। इसे कान में 2-2 बूंददिन में 2 बार डालने से, दर्द से आराम मिलता है।
6. आँखों के रोग में- 10 मिली गिलोय के रस में 1-1 ग्राम शहद व सेंधानमक मिलाकर पिस ले और काजल की तरह लगाये। इससे चुभन, काला और सफ़ेद मोतियाबिंद रोग ठीक होते है।
7. अस्थमा में- एंटी-इन्फ्लेमेंटरी गुण होने के कारण, यह सांसो से सम्बंधित रोगों में आराम देता है। कफ को नियंत्रित करके अस्थमा और खांसी से बचाव करता है और फेफड़ो को स्वस्थ रखता हैI
8. लीवर के लिए- अधिक शराब के सेवन से नुकसान हुए लिवर के लिए, गिलोय सत्व टॉनिक की तरह काम करती है। यह खून को साफ करती है, लीवर को स्वस्थ रखती है और लीवर संबंधी रोगों से बचाव करती है।
9. कैंसर के इलाज में- ब्लड कैंसर के रोगियों को गेहू और ज्वारेके साथ गिलोय रस का सेवन कराया जाता है, जिससे बहुत लाभ होता है।
10. कब्ज में- गिलोय के 10-20 मिली रस के साथ गुड का सेवन करने से कब्ज में फायदा होता है।
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