राजीव गांधी न्याय योजना के लिए राज्य शासन द्वारा गाईड लाईन जारी कर दी गई हैं। जिसके तहत आगामी 1 जून से 30 सितंबर तक किसान पंजीयन कर सकेंगे। इस योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब किसान सोसायटी में अपना पंजीयन करायेंगे। उल्लेखनीय हैं कि राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी न्याय योजना के तहत खरीफ सीजन में ऐसे किसानों को भी जोड़ा जायेगा, जो धान के अलावा दलहन व अन्य फसल लेंगे। राज्य शासन द्वारा ऐसे किसान जो खरीफ सीजन में धान की खेती कर चूके हैं, इसके साथ ही वे मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादन करते हैं, ऐसे किसानों को प्रति क्विंटल 9000 रूपये की राशि दी जायेंगी। जारी गाईड लाईन में कहा गया हैं कि इस योजना का लाभ लेने के लिये न्याय योजना के पोर्टल में पंजीयन कराना जरूरी होगा।

इन दस्तावेजों के साथ करें पंजीयन
किसानों को पंजीयन कराने के लिए ऋण-पुस्तिका, बी-1, आधार नम्बर, बैंक पासबुक की छायाप्रति देनी होगी। जिसका सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी करेंगे। वही निर्देश में कहा गया हैं कि बोये गये रकबे में अगर भिन्नता पाई जाती हैं तो इसकी जवाबदेही राज्सव अधिकारी की होगी।

किश्तों में ही मिलेगी राशि
राज्य शासन के आदेश में यह भी स्पष्ट कर दिया गया हैं कि धान व दलहन-तिलहन से मिलने वाली आदान राशि किसानों को किश्तों में जारी की जायेगी। इसमें यह बताना जरूरी हैं कि शासन की आदान राशि समर्थन मूल्य से अलग होगी।

ये होंगे पात्र/अपात्र
न्याय योजना में ऐसे किसान जो रेगहा व बटाईदार हैं इन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा वन पट्टाधारी किसान योजना के लिये पात्र होंगे। वहीं संस्थागत भू-धारक कृषक इस योजना के लिये पात्र नहीं होंगे। इस योजना के निगरानी के लिये समिति गठित की गई हैं। जिसमें कलेक्टर अधियक्ष होंगे, वहीं प्रभारी भू-अभिलेख अधिकारी, उपपंजीयक सहकारिता, खाद्य अधिकारी-निरीक्षक, लीड बैंक अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी सदस्य होंगे। उपसंचालक कृषि सचिव व जिला सहकारी बैंक को नोडल अधिकारी बनाया गया हैं।

धान का फसल बदलने पर मिलेगा दस हजार
राज्य शासन द्वारा कहा गया हैं कि वर्तमान में समर्थन मूल्य पर बेचने वाले किसान अगर धान के जगह कोदो-कुटकी, अरहर, मक्का, सोयाबीन, गन्ना, केला, पपीता, सुंगधित धान अन्य सर्टिफाइड धान लगाने पर प्रति एकड़ दस हजार रूपये आदान राशि दी जायेगी। वही वृक्षारोपण करने वाले किसानों को आदान राशि दी जायेगी।