मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (व्यापमं) द्वारा गत 10 और 11 फरवरी को वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पद हेतु ली गई परीक्षा पर अंकुरण कृषि छात्र संगठन द्वारा गत दिनों आयोजित प्रेस वार्ता में धांधली होने के आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जाँच की मांग की गई। हाल ही में पूर्व कृषि छात्रों ने भोपाल में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल से मुलाक़ात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया , जिस पर कृषि मंत्री ने निष्पक्ष जाँच का आश्वासन दिया।

श्री रंजीत रघुनाथ ने बताया कि व्यापमं द्वारा आयोजित इस परीक्षा पर संदेह इसलिए हो रहा है, क्योंकि पहली बार टॉप टेन में आए अभ्यर्थी में मुरैना से बलराम त्यागी, शिव कुमार शर्मा, संजय शर्मा, जितेन्द्र शर्मा और दीपक कुमार पीपल, भिंड से मोहन शर्मा, रवीन्द्र शर्मा, मनीष शर्मा, निवेश शर्मा और शिवपुरी से दीपक रावत शामिल हैं।इन्होंने 200 अंकों में से 190 अंक हासिल किए हैं , जबकि इन छात्रों की पढ़ाई का पुराना रिकार्ड कमजोर पाया गया है। इनमें से कई ने कृषि स्नातक की 4 साल की डिग्री 5  या इससे अधिक साल में हासिल की है। यह दस परीक्षार्थी का क्षेत्र विशेष (चंबल) और जाति विशेष से संबद्ध हैं।

बता दें कि व्यापमं द्वारा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पद के लिए जो परीक्षा ली गई  उसमें 200 प्रश्न 200 अंक के थे , जिसमें 100  प्रश्न कृषि तथा 100  प्रश्न सामान्य ज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, गणित और एप्टीट्यूड के थे। आरोप लगाया गया कि व्यापमं ने  कृषि से जुड़े जिन 3 प्रश्नों के उत्तर गलत दिए, इन शीर्ष 10 परीक्षार्थियों ने भी वही विकल्प चुना जिसका उत्तर व्यापमं ने गलत दिया था। सवाल उठाया गया कि इन सभी टॉपर छात्रों ने तीनों प्रश्नों के उत्तर गलत क्यों दिए ? ऐसे में पहले से ही पेपर बेचने की आशंका है। व्यापमं ने परीक्षा कराने का ठेका जिस  एन.एस.ई.आई .टी. कम्पनी को दिया गया वह कई परीक्षाओं को सुरक्षा के मापदंडों के साथ कराने में विफल रही है। पेपर लीक होने के बाद कई राज्यों ने इस कम्पनी को काली सूची में डाल दिया है। पूर्व कृषि छात्रों श्री बलराम परिहार, श्री अजय जाट, नरेंद्र पाटीदार, श्री पुलेंद्र सिंह यादव और श्री रंजीत रघुनाथ  ने भोपाल में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल से मुलाक़ात कर इस परीक्षा की धांधलियों से अवगत कराते हुए निष्पक्ष जाँच की मांग की थी। इस पर कृषि मंत्री श्री पटेल ने नीर -क्षीर जाँच करवाने और उसकी रिपोर्ट पूर्व कृषि छात्रों को देने का आश्वासन दिया।