मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठवीं बैठक में प्रदेश में उद्योगों, कृषि क्षेत्र के विकास, अधोसंरचना विकास, बस्तर अंचल में सिंचाई सुविधा बढ़ाने, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास जैसे राज्य हित के अनेक विषयों पर राज्य सरकार की योजनाओं एवं नीतियों की जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ को अतिरिक्त आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक किसानों को रासायनिक उर्वरकों की भांति मिलने वाली सबसिडी देने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर से वर्मी कम्पोस्ट महिला स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार की जा रही है। प्रदेश में दस हजार गौठान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 60 हजार वर्मी टांके बनाए गए हैं। इनसे निकट भविष्य में 9 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन संभावित है। छत्तीसगढ़ वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को बढ़ावा देकर जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है।

अतिशेष धान से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने की मांग

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य को अतिशेष धान से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी जाए। इससे देश की विदेशी मुद्रा में बचत होगी, किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिलेगा और रोजगार के अवसर बढेंगे। उन्होंने कहा कि चावल के स्थान पर धान से एथेनॉल की अनुमति मिलने पर परिवहन और मिलिंग पर होने वाला खर्च बचेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार केन्द्र सरकार द्वारा एथेनॉल की दर 54.89 रूपए प्रति लीटर तय की गई है जिसे और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए। प्रदेश में गन्ने से एथेनॉल उत्पादन के लिए एमओयू हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पूल में छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ में 20 लाख 58 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई है। किसानों को इसके लिए 17 हजार 322 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा पूर्व में केन्द्रीय पूल में छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की घोषणा की गई थी। लेकिन इसमें 16 लाख टन की कटौती कर दी गई। एफसीआई ने चावल देने की अनुमति अक्टूबर, नवम्बर में ही मिल जाती थी। इस सीजन में जनवरी माह में 24 लाख मीट्रिक टन की अनुमति ही मिल पाई। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पूल में शेष 16 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का अनुरोध किया है।