वीर सिंह (पीएचडी स्कॉलर, पादप रोग विज्ञान विभाग), 
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर 

फसल उत्पादन के लिए बीज एक महत्वपूर्ण घटक हैं। यदि बीज स्वस्थ सुडौल एवं रोग रहित हैं तब उस बीज के द्वारा उत्पादित फसल लाभ देने योग्य प्राप्त होती हैं। ठीक इसी प्रकार उच्च गुणवत्ता का शुद्ध स्पाॅन (बीज) मशरुम उत्पादन के लिए अति आवश्यक घटक हैं। मशरुम स्पाॅन (बीज) का उत्पादन स्वच्छ एवं निर्जीवीकृत वातावरण में कुशल एवं अनुभवी व्यक्तियों द्वारा किया जाता हैं। बीज उत्पादन के समय की गई लापरवाही पूरे बीज को अन्य फफूँदों से संक्रमित कर देती हैं। अतः संक्रमित बीज से मशरुम उत्पादन नहीं प्राप्त किया जा सकता हैं। 

मशरुम स्पाॅन (बीज) 

मशरुम स्पाॅन (बीज) मुख्य रूप से मशरुम फफूँद का कवक जाल होता हैं जो कि निर्जीविकृत गेहूँ या ज्वार के चारों तरफ फैला होता हैं। यह कवक जाल अनुकूल वातावरण एवं माध्यम पाने पर तीव्र गति से बढ़ते हुए मशरुम का फलनकाय बनाने में सक्षम होता हैं। आयस्टर, दूधिया एवं बटन मशरुम के बीज का रंग अपेक्षाक्रम कम सफेद होता हैं। 

स्पाॅन (बीज) का माध्यम कैसा होना चाहिए 

1. स्पाॅन (बीज) के माध्यम में ऐसे कोई तत्व नहीं होना चाहिए, जो मशरुम फफूँद के बढ़वार को रोकता हो। 

2. माध्यम में सतही क्षेत्र अधिक होना चाहिए, जिससे कवक जाल का फैलाव ठीक से हो सके एवं इससे आवश्यक भोज्य पदार्थ मशरुम फफूँद को आवश्यकतानुसार मिलता रहे जो कि कवक जाल को फैलाव में सहायक करता हैं। 

3. माध्यम (अनाज के दाने) रोगमुक्त होने चाहिए। 

माध्यम की तैयारी 

गेहूँ या ज्वार को साफकर स्वच्छ पानी में तीन से चार बार धोयें, जिससे अनाज में लगी मिट्टी धुल जाय। घांस एवं अन्य अवांछित बीज भी छांट कर निकाल दिये जायें। अब साफदानों को 1/2 से पौन घण्टे तक पानी में भिगों कर रखें। इन भीगे दानों को गंज में 20-25 मिनट तक उबालें। उबले दानों को चलनी, कपड़े या बारीक छिद्र वाली लकड़ी की टोकनी से दानों को पानी से पृथक कर छायादार साफ फर्श पर फैला दें। ठण्डा होने पर दानों में कैल्शियम कार्बोनेट 1.5 प्रतिशत एवं जिप्सम पाउडर (0.5 प्रतिशत) मिलाएँ। इनमें माध्यम (दानों) का पी.एच. 7 से 7.5 बना रहता हैं एवं दाने आपस में चिपकते नहीं हैं। पाउडर मिश्रित दानों को ग्लूकोज बोतल या कोनिकल प्लास्क या पाॅलीथीन बैग में 250-300 ग्राम प्रति बोतल/बीकर/बैग को ऑटोक्लेव या उच्चदाब कूकर में रखकर 22 पौंड प्रति वर्ग इंच दाब पर 2 घण्टे तक निर्जीवीकृत करें। निर्जीवीकृत बोतल को ऑटोक्लेव या कूकर के ठंडा होने पर निकाल कर ठण्डे एवं स्वच्छ जगह पर रखें। माध्यम दानों को निर्जीवीकरण के दो दिन बाद कल्चर डालने के लिए उपयोग में लाना चाहिए। इससे ज्यादा नमी या पानी की मात्रा दानों द्वारा सोख ली जाती हैं। ज्यादा नमी से स्पाॅन बीज में संक्रमण की संभावना अधिक रहती हैं। 

मदर स्पाॅन (बीज)/व्यवसायिक स्पाॅन (बीज) 

निर्जीवीकृत दानों से भरी बोतल को लेमिनारफ्लो या लकड़ी के बने इनाकुलेशन कक्ष में रखकर 10 मिनट तक यू.वी. लाइट में रखते हैं। इसके पश्चात् शुद्ध कल्चर को इनाकुलेशन कक्ष में लाकर अति सावधानी से शुद्ध कवकजाल को इनाकुलेशन सुई से निकालकर बोतल/बीकर में डालकर 25℃ तापमान पर 10-12 दिन तक बी.ओ.डी. के अन्दर प्रयोगशाला में रखते हैं। निर्धारित समय पश्चात् दानों के चारों तरफ दूधिया फफूँद चिपक कर फैला दिखाई देता हैं। 

व्यवसायिक स्पाॅन (बीज) 

मदर स्पाॅन के बाद व्यवसायिक स्पाॅन अधिक मात्रा में पूरी सावधानी से तैयार करते हैं। इसके लिए पाॅलीथीन की थैली में भरे निजीवीकृत गेहूँ के दानों को इनाकुलेशन कक्ष में रखकर उसमें मदर स्पाॅन के 10 ग्राम कवक जालयुक्त दानों को पाॅलीथीन में डालते हैं। इस प्रकार कल्चर युक्त सभी थैलियों को 25+2℃ तापमान पर 7-9 दिन तक रखते हैं। इसके पश्चात् इन थैलियों से भरे दानों को हिलाते हैं ताकि फैले हुए कवकजाल पूरे दानों में समान रूप से मिल जाय। इन थैलियों को पुनः एक सप्ताह के लिए 25+2℃ तापमान पर रखते हैं। 

स्पाॅन (बीज) उत्पादन के पदक्रम 
  1. स्वच्छ एवं सुडौल गेहूँ या ज्वार के दाने। 
  2. गेहूँ दानों को साफ एवं शुद्ध पानी में 15-20 मिनट तक उबालें। 
  3. गेहूँ दानों को छानें (कपड़ा या छन्नी से)। 
  4. दानों को 4 घण्टे तक छाया में सुखाएं। 
  5. कैल्शियम कार्बोनेट (1.5 प्रतिशत) पाउडर को दानों में अच्छी तरह मिलाएं। 
  6. 300 ग्राम मिश्रित दानों को ग्लूकोज या दूध के बोतल में डालें। बोतल के मुँह को रूई के प्लग से सख्ती से बंद करें। 
  7. दानों से भरी बोतल को निर्जीविकृत करें (ऑटोक्लेव/कूकर द्वारा 2 घण्टे तक)।
  8. निर्जीवीकरण कक्ष में निर्जीवीकृत दानों को इच्छित मशरुम कल्चर के कवकजाल द्वारा मिश्रित करें। 
  9. बी.ओ.डी. में कल्चर मिश्रित बोतलों को 22 डिग्री तापमान पर 12-15 दिन तक रखें।
  10. मदर स्पाॅन (बीज) तैयार। 
व्यवसायिक बीज (स्पाॅन) उत्पादन के पदः 
  1. बोतल के स्थान पर पाॅलीथीन के थैलियों को उबालें। 
  2. स्वच्छ एवं सुडौल गेहूँ या ज्वार के दाने। 
  3. गेहूँ दानों को साफ एवं शुद्ध पानी में 15-20 मिनट तक उबालें। 
  4. गेहूँ दानों को छानें (कपड़ा या छन्नी से)।
  5. दानों को 4 घण्टे तक छाया में सुखाएं।
  6. कैल्शियम कार्बोनेट (1.5 प्रतिशत) पाउडर को दानों में अच्छी तरह मिलाएं।
  7. 300 ग्राम मिश्रित दानों को ग्लूकोज या दूध के बोतल में डालें। बोतल के मुँह को रूई के प्लग से सख्ती से बंद करें। 
  8. दानों से भरी बोतल को निर्जीविकृत करें (आटोक्लेव/कूकर द्वारा 2 घण्टे तक)।
  9. निर्जीवीकृत प्रत्येक थैली को 10 ग्राम मदर स्पाॅन (बीज) द्वारा मिश्रित करें।
  10. मिश्रित थैलियों को 6-7 दिन में अच्छे से हिलाएँ।
  11. इनाकुलेशन कक्ष को 25℃ तापमान पर रखें।
  12. व्यवसायिक स्पाॅन (बीज) तैयार (12-15 दिन में)। 
बीज उत्पादन में सावधानियाँ 

1. साफ-सफाई का प्रारम्भ से अंत तक विशेष ध्यान दें। 

2. इनाकुलेशन कक्ष का निर्जीवीकरण समय-समय पर करते रहें। 

3. स्पाॅन में मशरुम कवकजाल के बढ़वार के समय बोतल या बैग का गहन निरीक्षण करते रहें। सवंमित बैग को समूह से तुरन्त हटाएँ। 

4. फ्रीज में रखें स्पाॅन (बीज) को निकाल कर स्पाॅन के सामान्य तापमान में आने पर माध्यम से स्पाॅन मिलाएँ।