विश्व पर्यावरण दिवस

विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने के पीछे हमारा यही उद्देश्य होता है कि हम पृथ्वी पर प्राकृतिक पर्यावरण की हर संभव रक्षा करें ताकि स्वस्थ जीवन की संभावना पृथ्वी पर हमेशा बनी रहे। विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरण से जुड़े मद्दों पर विचार करने एवं पर्यावरण जुड़ी समस्याओं का हल निकालने के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है। इसे पर्यावरण दिवस या ईको डे  के तौर पर भी जाना जाता है। यह एक महान वार्षिक आयोजन है जिसके दौरान हम पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं और उन्हें पूरी तरह से हल करने की कोशिश करते हैं। यह अवसर वातावरण में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से बहुत सारे रचनात्मक गतिविधियों के साथ दुनिया भर में मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन हम पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर जानकारी अर्जित करते हैं एवं हमारे बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखने की प्रतिज्ञा लेते हैं। हमें जीवन भर हमारे पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिए। यह तभी संभव है जब हम अपनी आँखें खुली रखें और अपने भीतर एवं वातावरण में कुछ सकारात्मक बदलाव लाएं। हमें अपने बच्चों को भी इस समस्या प्रति जागरूक करना चाहिए ताकि वे भी पर्यावरण सुरक्षा के अभियान के प्रति जागरूक हो सकें तथा भविष्य में इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएं।

  


वर्ष 1972 में घोषित होने के बाद यह 1973 से प्रतिवर्ष 5 जून को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पर्यावरण में गिरावट के हालत के बारे में जानकारी देने एवं स्वच्छ पर्यावरण का महत्व लोगों को समझाने एवं इस बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाने लगा। इस उत्सव की शुरूआत संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान पर्यावरण के महत्व के बारे में लोगों को बताने और पर्यावरण की रक्षा करने के उद्देश्य से प्रभावी योजनाओं को लागू करने के उद्देश्य से की गई थी। इस वार्षिक उत्सव को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित एक थीम (विषय) के अनुसार मनाया जाता है। इस उत्सव के दौरान पर्यावरण को बचाने के लिए प्रति वर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रदत्त विषय के अनुसार कुछ नई एवं प्रभावी योजनाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। पहली बार इसका आयोजन 1973 में "केवल एक पृथ्वी" थीम (विषय) के साथ किया गया था। विश्व पर्यावरण दिवस 2020 की थीम ‘जैव-विविधता’ (Celebrate Biodiversity) है। इस थीम के जरिए इस बार संदेश दिया जा रहा है कि जैव विविधता संरक्षण एवं प्राकृतिक संतुलन होना मानव जीवन के अस्तित्व के लिए बेहद आवश्यक है। जैव विविधता को बनाये रखने के लिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी धरती के पर्यावरण को बनाये रखें। ‘जैव विविधता’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- जैविक और विविधता। सामान्य रूप से जैव विविधता का अर्थ जीव जन्तुओं एवं वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियों से है। प्रकृति में मानव, अन्य जीव जन्तु और वनस्पतियों का संसार एक दूसरे से इस प्रकार जुड़ा है कि किसी के भी बाधित हाने से सभी का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे मानव जीवन पर बुरा असर पड़ता है।

पर्यावरण दिवस पर लें ये 6 संकल्प

संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है। इसलिए एक स्वस्थ एवं सुरक्षित प्रयायवरण के बिना मानव समाज की कल्पना अधूरी है। वन अधिकारी अरबिंद वर्मा ने बताया कि प्रकृति को बचाने के लिए आज हमसब को मिलकर कुछ संकल्प लेना होगा। 
1- वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसे बचाएं तथा पेड़-पौधों के संरक्षण में सहयोग करें।
2. तालाब, नदी, पोखर को प्रदूषित नही करें, जल का दुरुपयोग नहीं करें तथा इस्तेमाल के बाद बंद करें।
3. बिजली का अनावश्यक उपयोग नहीं करें, इस्तेमाल के बाद बल्ब, पंखे या अन्य उपकरणों को बंद रखें।
4. कूड़ा-कचरा को डस्टबीन  में फेकें और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करें, इससे प्रदूषण नहीं होगा।
5. प्लास्टिक/पॉलिथिन का उपयोग बंद करें, उसके बदले कागज के बने झोले या थैले का उपयोग करें।
6. पशु-पक्षियों के प्रति दया भाव रखें, नजदीकी कामों के लिए साइकिल का उपयोग करें।