डॉ. कुंतल साटकर, सहायक प्राध्यापक,
आदर्श कुमार, अतिथि शिक्षक,
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, गरियाबंद,
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ़)
भारत को 'कृषि प्रधान देश' कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह एक ऐसा राष्ट्र है जहाँ कृषि केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि एक जीवन शैली, संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारत की विशाल जनसंख्या, विविध जलवायु और उपजाऊ भूमि ने इसे सदियों से एक कृषि प्रधान राष्ट्र बनाए रखा है। भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहाँ की आत्मा गाँवों में बसती है और जिसकी रगों में कृषि का रक्त बहता है। यह न केवल हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान का भी एक अभिन्न हिस्सा है। भारत की प्रगति और समृद्धि किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र के विकास पर ही निर्भर करती है।भारत में कृषि क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इनमें जलवायु परिवर्तन, सिंचाई की अपर्याप्त सुविधाएँ, छोटे और बिखरे हुए खेत, और ऋण की समस्याएँ प्रमुख हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, भारत ने कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।हरित क्रांतिने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। आजभारत, गेहूं, चावल, दालों और कई अन्य फसलों का एक प्रमुख उत्पादक है। भविष्य में, स्मार्ट कृषि (Smart Agriculture), जैविक खेती (Organic Farming), और प्रौद्योगिकी का उपयोग इन चुनौतियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ड्रोन, सेंसर और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकें खेती को और अधिक कुशल बना सकती हैं।
भारतीय कृषि में डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics), ड्रोन (Drone) और सेंसर (Sensor) जैसी तकनीकें किसानों को अधिककुशल, उत्पादक और टिकाऊबनाने में मदद कर रही हैं। यह आधुनिक तकनीकें परंपरागत खेती के तरीकों में बदलाव ला रही हैं, जिससे खेती का स्वरूप अधिक स्मार्ट और वैज्ञानिक होता जा रहा है।
डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics)
डेटा एनालिटिक्स कृषि में विभिन्न स्रोतों से प्राप्त डेटा का विश्लेषण करके उपयोगी जानकारी निकालने की प्रक्रिया है। यह किसानों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।
- मृदा स्वास्थ्य विश्लेषण: सेंसर से प्राप्त मिट्टी के डेटा का विश्लेषण करके, किसान यह जान सकते हैं कि मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है और किस प्रकार के उर्वरक की आवश्यकता है।
- फसल की निगरानी: मौसम के पूर्वानुमान, आर्द्रता और तापमान जैसे डेटा का विश्लेषण करके, किसान यह अनुमान लगा सकते हैं कि कौन सी फसल कब और कहां बोनी चाहिए।
- रोग और कीट प्रबंधन: डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से, किसान संभावित रोगों और कीटों के प्रकोप का अनुमान लगा सकते हैं और समय रहते निवारक उपाय कर सकते हैं, जिससे फसल का नुकसान कम होता है।
ड्रोन (Drone)
ड्रोन (मानव रहित हवाई वाहन) कृषि में कई कार्यों को अधिक तेज़ी और सटीकता से करने में सक्षम हैं।
- फसल की निगरानी और मैपिंग: ड्रोन हवाई सर्वेक्षण करके खेत की विस्तृत तस्वीरें और वीडियो ले सकते हैं। इससे किसान फसल के स्वास्थ्य, विकास और किसी भी समस्या का पता लगा सकते हैं।
- कीटनाशक और उर्वरक छिड़काव: ड्रोन सटीक मात्रा में और केवल आवश्यक क्षेत्रों में कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव कर सकते हैं, जिससे लागत कम होती है और पर्यावरण पर बुरा असर भी कम होता है।
- सिंचाई प्रबंधन: ड्रोन खेतों में पानी की कमी वाले क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, जिससे पानी का कुशल उपयोग सुनिश्चित होता है।
सेंसर (Sensor)
सेंसर छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं जो विभिन्न पर्यावरणीय और मृदा स्थितियों को मापते हैं।
- मृदा सेंसर: ये सेंसर मिट्टी की नमी, तापमान और पीएच स्तर को मापते हैं। इससे किसान यह जान पाते हैं कि फसल को कब और कितनी मात्रा में पानी की आवश्यकता है।
- मौसम सेंसर: ये सेंसर हवा की गति, आर्द्रता, वर्षा और सौर विकिरण को मापते हैं। यह डेटा किसानों को सिंचाई और फसल सुरक्षा के बारे में सही निर्णय लेने में मदद करता है।
- पौधों पर लगे सेंसर: ये सेंसर पौधों के स्वास्थ्य और उनकी पत्तियों के तापमान को मापते हैं, जिससे पानी की कमी या किसी बीमारी का शुरुआती चरण में ही पता लगाया जा सकता है।
लाभ
इन तकनीकों के उपयोग से भारतीय कृषि में कई महत्वपूर्ण लाभ मिल रहे हैं:
- उत्पादकता में वृद्धि: सही समय पर सही निर्णय लेने से फसल की पैदावार बढ़ती है।
- लागत में कमी: उर्वरक, पानी और कीटनाशकों का सटीक उपयोग करने से अनावश्यक खर्च कम होता है।
- संसाधनों का कुशल उपयोग: पानी और उर्वरक जैसे प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर प्रबंधन होता है।
- टिकाऊ खेती: रसायनों का कम उपयोग होने से मिट्टी और पर्यावरण को कम नुकसान होता है।
संक्षेप में, ये तकनीकें मिलकर"सटीक कृषि" (Precision Agriculture)का एक नया युग ला रही हैं, जिससे भारतीय किसान और देश की अर्थव्यवस्था दोनों को फायदा हो रहा है।

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