दुष्यंत कुमार, शोधार्थी (Ph.D.),
नीलम सुनील तिग्गा, शोधार्थी (Ph.D.),
डॉ. रवि श्रेय, सहायक प्राध्यापक,
कृषि अर्थशास्त्र विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर

सारांश (Abstract)
यह लेख भारतीय कृषि क्षेत्र पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में किए गए हालिया बदलावों के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। कृषि उपकरणों, जैविक उर्वरकों, डेयरी उत्पादों और परिवहन सेवाओं पर कर दरों में कमी ने किसानों की उत्पादन लागत को घटाया, आय में वृद्धि की तथा तकनीकी अपनाने को प्रोत्साहित किया। साथ ही, इन सुधारों ने सतत खेती, ग्रामीण रोजगार, खाद्य सुरक्षा और सामाजिक कल्याण पर भी सकारात्मक असर डाला। अध्ययन में सरकारी रिपोर्टों, अर्थशास्त्रियों की टिप्पणियों और केस स्टडीज़ का उपयोग किया गया है।

मुख्य शब्दावली: GST · कृषि क्षेत्र · उत्पादन लागत · सामाजिक प्रभाव · ग्रामीण अर्थव्यवस्था

1. परिचय (Introduction)
भारतीय कृषि क्षेत्र न केवल देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 18% का योगदान देता है, बल्कि ग्रामीण आजीविका, खाद्य सुरक्षा और निर्यात में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2017 में लागू वस्तु एवं सेवा कर (GST) का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और एकीकृत बनाना था।

हाल के वर्षों में, GST परिषद ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विशेष सुधार किए हैं। उदाहरणस्वरूप – कृषि उपकरणों पर कर दरें 12% से घटाकर 5%, जैविक उर्वरकों पर 12% से 5%, और डेयरी उत्पादों पर 0% कर दर लागू की गई। इन बदलावों से कृषि क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता और किसानों की आय पर गहरा असर पड़ा है।

2. प्रमुख GST संशोधन एवं उनके प्रभाव (Major GST Reforms and TheirImpacts)

क्षेत्र / उत्पाद

पूर्व GST दर

वर्तमान GST दर

आर्थिक प्रभाव

सामाजिक प्रभाव

कृषि उपकरण एवं मशीनरी (ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, ड्रिप सिंचाई आदि)

12%

5%

उत्पादन लागत में लगभग 7% की कमी; छोटे मध्यम किसानों के लिए तकनीक सुलभ

आधुनिक तकनीक अपनाने से उत्पादकता और रोजगार में वृद्धि

जैविक उर्वरक एवं सूक्ष्म पोषक तत्व

12%

5%

रासायनिक उर्वरकों की तुलना में 20–25% लागत बचत; जैविक खेती को बढ़ावा

पर्यावरण संरक्षण और किसानों के स्वास्थ्य में सुधार

डेयरी उत्पाद (दूध, पनीर, दही आदि)

5%–12%

0%

उपभोक्ता कीमतों में 10–15% की कमी; किसानों की आय में वृद्धि

ग्रामीण रोजगार और पोषण स्तर में सुधार

कृषि परिवहन एवं वाणिज्यिक वाहन

12%

5%–8%

परिवहन लागत में 6–8% कमी; बाजार तक पहुँच आसान

बाजार समावेशन और किसानों की लाभप्रदता में सुधार

खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद (मछली, शहद, संरक्षित वस्तुएँ)

18%

5%–12%

प्रसंस्करण उद्योग की लागत घटी; उत्पादकों को बेहतर मूल्य प्राप्त

ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन

 

3. परिणाम एवं विश्लेषण (Results and Analysis)

3.1 आर्थिक प्रभाव
  • उत्पादन लागत में कमी और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि।
  • किसानों की आय में 15–20% तक वृद्धि।
  • ग्रामीण स्तर पर बाजार पहुंच आसान और परिवहन लागत में कमी।

3.2 सामाजिक प्रभाव
  • ग्रामीण रोजगार के नए अवसर।
  • उपभोक्ताओं को सस्ते उत्पाद और पोषण लाभ।
  • सतत खेती और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा।

4. केस स्टडीज़ (Case Studies)
  • महाराष्ट्र (ड्रिप सिंचाई): कर में कटौती से तकनीक अपनाने की प्रवृत्ति 30% बढ़ी।
  • केरल (जैविक खेती): जैविक खेती करने वाले किसानों की संख्या में 25% वृद्धि।
  • उत्तर प्रदेश (डेयरी उद्योग): डेयरी किसानों की आय लगभग 20% बढ़ी।

5. चर्चा (Discussion)
GST सुधारों ने कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाया है। उपकरणों पर कर कम होने से तकनीकी उपयोग बढ़ा, जैविक खेती सस्ती हुई और डेयरी उद्योग में ग्रामीण आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। प्रसंस्करण और परिवहन लागत घटने से बाजार पहुंच आसान हुई। हालाँकि, छोटे किसानों तक लाभ पहुँचाना और नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन अभी भी चुनौती है।

6. भविष्य की संभावनाएँ (Future Scenarios)

6.1 आशावादी परिदृश्य
यदि GST सुधारों का प्रभावी क्रियान्वयन जारी रहा, तो अगले पाँच वर्षों में कृषि उत्पादकता में 15–20% तक वृद्धि हो सकती है। किसानों की आय दोगुनी होने की संभावना बनेगी और भारत कृषि निर्यात में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल कर सकता है।

6.2 निराशावादी परिदृश्य
यदि सुधारों का लाभ छोटे और सीमांत किसानों तक नहीं पहुँचा, तो असमानता बढ़ सकती है। बड़े किसान आधुनिक तकनीक से लाभान्वित होंगे जबकि छोटे किसान पिछड़ जाएंगे। इससे ग्रामीण–शहरी आय अंतराल और बढ़ेगा।

6.3 संतुलित परिदृश्य
भारत में कृषि सुधार मध्यम गति से आगे बढ़ेंगे। उत्पादन लागत धीरे-धीरे कम होगी, किसानों की आय में स्थिर लेकिन सीमित वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र सतत विकास की ओर अग्रसर रहेगा।

7. निष्कर्ष (Conclusion)
GST सुधारों ने भारतीय कृषि क्षेत्र को नई दिशा दी है। इससे उत्पादन लागत घटी, किसानों की आय बढ़ी, और तकनीकी आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिला। सामाजिक दृष्टि से ये सुधार ग्रामीण विकास, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी लाभकारी साबित हुए हैं। हालाँकि, लाभों का सार्वभौमिक वितरण और नीति का प्रभावी क्रियान्वयन भविष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

संदर्भ (Reference)
  • प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB). “GST का कृषि पर प्रभाव।” भारत सरकार, 2025।
  • केंद्रीय कृषि मंत्रालय, भारत सरकार। “कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए GST दरों में कटौती,” सितम्बर 2025।
  • बिज़नेस स्टैंडर्ड। “कृषि वस्तुओं पर GST दरों में संशोधन।” 2025।
  • महाराष्ट्र कृषि विभाग। “ड्रिप सिंचाई पर GST का प्रभाव।” 2025।
  • केरल कृषि विभाग। “जैविक खेती पर GST का प्रभाव।” 2025।
  • उत्तर प्रदेश डेयरी विकास विभाग। “डेयरी उद्योग पर GST सुधारों का प्रभाव।” 2025।
  • रमेश चंद। “भारतीय कृषि पर GST का प्रभाव।” नीति आयोग, 2025।
  • अशोक गुलाटी। “कृषि क्षेत्र में GST सुधार।” कृषि अर्थशास्त्र जर्नल, 2025।