डॉ. पी. मुवेंथन (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. गुंजन झा (वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, राजनांदगांव),
डॉ. श्रावणी सान्याल (वैज्ञानिक), डॉ. निरंजन प्रसाद (वैज्ञानिक), सुमन सिंह (वरिष्ठ अनुसंधान सहायक, एनएएसएफ परियोजना), एवं डॉ. हेम प्रकाश वर्मा (यंग प्रोफेशनल, एफएफपी परियोजना)
भाकृअनुप. - राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, बारोंडा, रायपुर (छत्तीसगढ़)
परिचय
भारत में कृषि और पशुपालन क्षेत्रों में तेजी से हो रहे तकनीकी नवाचारों ने किसानों को पारंपरिक पद्धतियों से आधुनिक, वैज्ञानिक तरीकों की ओर प्रेरित किया है। इसी दिशा में एक उल्लेखनीय पहल के रूप में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर द्वारा फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम के अंतर्गत “कड़कनाथ जानकारी”मोबाइल ऐप विकसित किया गया है, जो किसानों, पशुपालकों और ग्रामीण युवाओं के लिए एक डिजिटल ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह ऐप कड़कनाथ मुर्गी पालन से जुड़ी विस्तृत और वैज्ञानिक जानकारी जैसे—इस नस्ल की पहचान, पोषण संबंधी विशेषताएँ, शेड प्रबंधन, आहार व्यवस्था, टीकाकरण, रोग नियंत्रण, प्रजनन तकनीक, अंडों की देखभाल और बाज़ार संभावनाएं—सभी को एक ही मंच पर सरल भाषा में प्रस्तुत करता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कम पढ़े-लिखे किसान भी इसे मोबाइल के माध्यम से सहजता से समझ सकते हैं और अपने व्यवसाय को लाभकारी दिशा में ले जा सकते हैं। यह ऐप न केवल एक सूचना का स्रोत है, बल्कि यह कड़कनाथ पालन को एक व्यावसायिक अवसर के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है, जिससे आत्मनिर्भरता, ग्रामीण रोजगार और स्थानीय नस्लों के संरक्षण को भी बल मिलता है।
ऐप की प्रमुख विशेषताएँ –
बहुभाषीय इंटरफेस (भाषा चुनें)
कड़कनाथ जानकारी ऐप की एक प्रमुख विशेषता इसका बहुभाषीय इंटरफेस है, जो उपयोगकर्ताओं को हिंदी और अंग्रेज़ी — दोनों भाषाओं में जानकारी प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है। यह विकल्प विशेष रूप से उन किसानों और ग्रामीण पशुपालकों के लिए लाभकारी है जो केवल स्थानीय भाषाएं या हिंदी में सहज हैं और अंग्रेज़ी से अपरिचित हैं। ऐप का डिज़ाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि भाषा चयन प्रक्रिया अत्यंत सरल और स्पष्ट हो, जिससे तकनीकी ज्ञान की कमी वाले उपयोगकर्ता भी ऐप को आसानी से चला सकें। इसके अतिरिक्त, ऐप में प्रयुक्त शब्दावली और जानकारी को ग्राम स्तर तक की समझ के अनुसार सरल, व्यावहारिक और संवादात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे यह ऐप शिक्षित और अल्पशिक्षित दोनों वर्गों के लिए उपयोगी बनता है। इस बहुभाषीय सुविधा के माध्यम से ऐप अधिक से अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुँच बनाता है और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देता है।
ऐप के मुख्य अनुभाग – कड़कनाथ नस्ल का परिचय
कड़कनाथ जानकारी ऐप का पहला और अत्यंत महत्वपूर्ण अनुभाग कड़कनाथ नस्ल का परिचय है, जिसमें इस देशी मुर्गी नस्ल की ऐतिहासिक, जैविक और व्यावसायिक विशेषताओं का विस्तृत विवरण दिया गया है। कड़कनाथ मुर्गी, जिसे “काली मासी” के नाम से जाना जाता है, मुख्यतः मध्यप्रदेश के झाबुआ और धार जिलों में पाई जाती है और यह अपने पूरे शरीर में काले रंग — पंख, त्वचा, मांस, और यहां तक कि रक्त की काली छाया — के कारण विशिष्ट मानी जाती है। इसकी प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता, विभिन्न मौसमों के प्रति अनुकूलता, कम संसाधनों में पालन योग्य प्रवृत्ति, उच्च प्रोटीन और कम वसा युक्त औषधीय मांस, तथा शहरी और आयुर्वेदिक बाजारों में इसकी अत्यधिक मांग इसे पोषण और व्यापार दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण बनाती है। इस अनुभाग के माध्यम से ऐप उपयोगकर्ता कड़कनाथ नस्ल की वैज्ञानिक जानकारी, व्यावसायिक उपयोगिता और पालन की संभावनाओं को सरल भाषा में गहराई से समझ सकते हैं, जिससे वे अपने निर्णयों को अधिक प्रभावी और लाभकारी बना सकते हैं।
पोषक मूल्य और औषधीय महत्व
कड़कनाथ मुर्गी का मांस अपने उच्च पोषण और औषधीय गुणों के कारण विशेष महत्व रखता है। इसकी मांस संरचना में अन्य मुर्गी नस्लों की तुलना में अधिक प्रोटीन (22%–25%) होता है, जबकि वसा (0.73%–1.03%) और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अत्यंत कम होती है, जिससे यह हृदय रोगियों के लिए सुरक्षित और लाभकारी माना जाता है। इसमें आवश्यक अमीनो एसिड, आयरन, विटामिन B समूह, फॉस्फोरस, कैल्शियम, और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर की संपूर्ण कार्यप्रणाली को मजबूत बनाते हैं। यह मांस मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए उपयोगी है क्योंकि यह रक्तचाप को संतुलित रखने और रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसके अलावा, कड़कनाथ मांस का नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर बनाता है, जिससे व्यक्ति सामान्य संक्रमणों और बीमारियों से बेहतर तरीके से लड़ सकता है। इन विशेषताओं के कारण यह मांस न केवल एक पौष्टिक विकल्प है, बल्कि स्वास्थ्य संवर्धन और रोग निवारण की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी है।
आवास प्रबंधन (आवास प्रबंधन)
कड़कनाथ मुर्गी पालन में उचित एवं वैज्ञानिक ढंग से निर्मित पोल्ट्री शेड की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह मुर्गियों के स्वास्थ्य, वृद्धि एवं उत्पादकता को सीधे प्रभावित करता है। शेड का निर्माण ऊँचाई वाले, जलभराव रहित स्थान पर किया जाना चाहिए ताकि वर्षा के समय पानी इकट्ठा न हो और नमी से बचाव हो सके। शेड में प्राकृतिक वेंटिलेशन की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि ताज़ी हवा का प्रवाह बना रहे और अमोनिया गैस व बदबू जैसी समस्याएँ उत्पन्न न हों। साथ ही, नियमित साफ-सफाई, कीट नियंत्रण, तथा सूखे और साफ बिछावन (बेडिंग) की व्यवस्था अत्यावश्यक है, जिससे रोगों की संभावना कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त, पोल्ट्री शेड को बिल्ली, कुत्ते, नेवला आदि शिकारियों से सुरक्षित रखने के लिए मजबूत तारों की बाड़ या दीवारें होनी चाहिए। इन सभी पहलुओं का पालन करके कड़कनाथ मुर्गियों के लिए एक स्वस्थ, सुरक्षित एवं उत्पादक वातावरण तैयार किया जा सकता है, जिससे उनकी वृद्धि दर बेहतर होती है और मृत्यु दर में कमी आती है।
टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल
कड़कनाथ मुर्गियों की अच्छी वृद्धि, उत्पादन और रोगमुक्त जीवन सुनिश्चित करने के लिए नियमित टीकाकरण, डिवॉर्मिंग (कृमिनाशन) और स्वास्थ्य परीक्षण अत्यंत आवश्यक होते हैं। बचपन से ही इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को सशक्त बनाए रखने हेतु समयबद्ध टीकाकरण जरूरी है। उदाहरण के लिए, रानीखेत रोग (न्यूकासल रोग) के विरुद्ध पहला टीका 7वें दिन और दूसरा 28वें दिन दिया जाता है। गांठ रोग (फाउल पॉक्स) से सुरक्षा के लिए 45वें दिन पर टीकाकरण आवश्यक है, जबकि संक्रामक ब्रोंकाइटिस (संक्रामक ब्रोंकाइटिस) के लिए 14वें दिन टीका देना होता है। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक 3–4 महीने में डिवॉर्मिंग की जानी चाहिए ताकि आंतरिक परजीवियों से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, मुर्गियों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए नियमित रूप से पशु चिकित्सा विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। इन सभी उपायों से कड़कनाथ मुर्गियों में रोगों की रोकथाम, मृत्यु दर में कमी और बेहतर उत्पादन संभव हो पाता है।
प्रजनन, अंडों की हैंडलिंग एवं चूजों की देखरेख
कड़कनाथ मुर्गी पालन में प्रजनन, अंडों का उचित प्रबंधन और चूजों की प्रारंभिक देखरेख अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण चरण होते हैं, जिनसे भविष्य की उत्पादकता प्रभावित होती है। प्रजनन योग्य अंडों को चुनने के बाद उन्हें स्वच्छ, शुष्क और नियंत्रित तापमान (18–21°C) वाले स्थान पर संग्रहित करना चाहिए ताकि वे स्वस्थ और निष्क्रिय अवस्था में बने रहें। अंडों को कृत्रिम या प्राकृतिक रूप से 21 दिनों तक ऊष्मायन (इनक्यूबेशन) प्रक्रिया से गुज़ारा जाता है, जिसमें तापमान और आर्द्रता का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। चूजों के फूटने के बाद उनकी पहले 7 दिनों तक विशेष देखभाल आवश्यक होती है, जिसमें 32–35°C का गर्म तापमान, साफ-सुथरा और सूखा बिछावन, तथा हल्का और सुपाच्य आहार दिया जाना चाहिए। चूजों को दिन में 5–6 बार ताज़े पानी और भोजन की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए ताकि वे निर्बल न हों और उनका विकास सुचारु हो सके। बीमार या कमजोर चूजों को अन्य स्वस्थ चूजों से अलग स्थान पर रखा जाना चाहिए ताकि संक्रमण न फैले। उचित देखभाल और प्रबंधन से चूजों की मृत्यु दर में कमी आती है और स्वस्थ झुंड का निर्माण होता है, जो आगे चलकर उच्च उत्पादन क्षमता देता है।
कड़कनाथ की अर्थव्यवस्था और लाभ
कड़कनाथ मुर्गी पालन एक अत्यंत लाभकारी और कम जोखिम वाला व्यवसाय है, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के उद्यमियों के लिए आय का एक विश्वसनीय स्रोत बन सकता है। इसकी व्यावसायिक संभावनाएँ काफी व्यापक हैं, क्योंकि एक कड़कनाथ मुर्गी प्रतिवर्ष औसतन 100 से 120 अंडे देती है, जिनकी बाजार में कीमत ₹25 से ₹50 प्रति अंडे तक होती है। इसके अलावा, कड़कनाथ का मांस अपनी औषधीय और पोषण विशेषताओं के कारण अत्यधिक मांग में रहता है और इसकी कीमत बाजार में ₹800 से ₹1200 प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाती है। यदि कोई किसान छोटे पैमाने (जैसे 50–100 मुर्गियों) पर इस व्यवसाय को शुरू करता है, तो प्रारंभिक निवेश ₹50,000 से ₹1,00,000 तक हो सकता है, जिसमें शेड निर्माण, चूजों की खरीद, फीड, दवा आदि का खर्च शामिल होता है। एक बार व्यवसाय स्थापित हो जाने के बाद, इसकी मासिक आय ₹20,000 से ₹40,000 तक हो सकती है और वार्षिक लाभ 25% से 40% तक देखा गया है, जो इसे अन्य परंपरागत कृषि गतिविधियों की तुलना में अधिक लाभदायक बनाता है। इसकी मांग आयुर्वेदिक चिकित्सा, हेल्थ-कॉन्शियस उपभोक्ताओं और होटल उद्योग में बनी रहने के कारण, कड़कनाथ पालन दीर्घकालिक आय और ग्रामीण युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर प्रदान करता है।
किसानों के लिए पालन सुझाव
कड़कनाथ मुर्गी पालन की शुरुआत करने वाले किसानों के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे प्रारंभ में सीमित संख्या (20–50 चूजों) से पालन शुरू करें ताकि उन्हें लागत, प्रबंधन और जोखिम का अनुभव हो सके और सीखने की प्रक्रिया भी सहज बनी रहे। चूजों की खरीद विश्वसनीय स्रोतों से करनी चाहिए और पालन के दौरान स्थानीय बाज़ारों से संपर्क बनाए रखना आवश्यक है, जिससे उत्पाद की बिक्री सुनिश्चित की जा सके और बाज़ार की मांग के अनुसार उत्पादन किया जा सके। यदि मुर्गियों में किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण जैसे सुस्ती, कम भोजन, या पंख झड़ना दिखाई दें, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और उचित दवा या टीकाकरण कराना चाहिए, ताकि नुकसान रोका जा सके। साथ ही, किसानों को समय-समय पर क्षेत्रीय कृषि विज्ञान केंद्रों या पशुपालन विभाग से प्रशिक्षण एवं परामर्श लेना चाहिए जिससे उन्हें वैज्ञानिक विधियों, पोषण, टीकाकरण और रोग प्रबंधन की सही जानकारी मिल सके। यदि किसान समूह या सहकारी संस्था के रूप में यह पालन कार्य करते हैं, तो इससे फीड, दवा, शेड निर्माण आदि की लागत साझा हो जाती है और लाभप्रदता में वृद्धि होती है। इस प्रकार, वैज्ञानिक मार्गदर्शन और संगठित रणनीति के साथ कड़कनाथ पालन को एक सफल उद्यम में बदला जा सकता है।
फोटो गैलरी और वीडियो
"कड़कनाथ जानकारी" ऐप की सबसे प्रभावी विशेषताओं में से एक है इसका फोटो गैलरी और वीडियो अनुभाग, जो किसानों को कड़कनाथ मुर्गी पालन की विभिन्न प्रक्रियाओं को दृश्य माध्यमों के ज़रिए समझने में मदद करता है। फोटो गैलरी में कड़कनाथ नस्ल की पहचान, शेड निर्माण, फीडिंग व्यवस्था, टीकाकरण प्रक्रिया, अंडों का संचयन, चूजों की देखभाल तथा बाजार में बिक्री जैसे पालन के विभिन्न चरणों की स्पष्ट और वास्तविक तस्वीरें शामिल की गई हैं, जो नवोदित किसानों को व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करती हैं। इसी तरह, ऐप में उपलब्ध वीडियो अनुभाग में अनुभवी वैज्ञानिकों और किसानों द्वारा प्रशिक्षण, आहार प्रबंधन, रोग नियंत्रण, वैक्सीनेशन शेड्यूल, और सफल विपणन रणनीतियों से संबंधित उपयोगी जानकारियाँ सरल भाषा में साझा की गई हैं। ये वीडियो किसानों के लिए शिक्षण संसाधन के रूप में कार्य करते हैं, जिन्हें वे बार-बार देखकर आसानी से सीख सकते हैं और व्यवहार में उतार सकते हैं। इस प्रकार, ऐप का यह सेक्शन किसानों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण केंद्र जैसा है, जिससे वे अपने अनुभव और ज्ञान को बिना किसी अतिरिक्त लागत के लगातार समृद्ध कर सकते हैं।
विकास संस्था और समर्थन
"कड़कनाथ जानकारी" ऐप का विकास भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की दूरदर्शी पहल का परिणाम है, जिसे राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान ,बारोंडा, रायपुर द्वारा किसानों की सुविधा और ज्ञानवर्धन के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस ऐप का निर्माण फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम के अंतर्गत किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को प्रौद्योगिकी आधारित जानकारी तक सीधा पहुँच प्रदान करना है ताकि वे वैज्ञानिक पद्धतियों से कृषि और पशुपालन में नवाचार कर सकें। यह ऐप आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास और पोषण सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय लक्ष्यों में भी योगदान देता है। ऐप का समर्थन विशेष रूप से उन किसानों और युवाओं के लिए किया गया है, जो कड़कनाथ जैसे उच्च मूल्यवर्धित उत्पादों के माध्यम से कृषि आधारित व्यवसाय को अपनाकर आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं। इस प्रकार, ऐप एक नॉलेज प्लेटफॉर्म के साथ-साथ एक सशक्त नीति-समर्थित उपकरण भी है, जो सरकार की सतत विकास और ग्रामीण समृद्धि की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
ऐप डाउनलोड कैसे करें?
"कड़कनाथ जानकारी" ऐप को डाउनलोड करना एक सरल प्रक्रिया है, जिसे कोई भी स्मार्टफोन उपयोगकर्ता बड़ी आसानी से कर सकता है। सबसे पहले, अपने मोबाइल फ़ोन में गूगल प्ले स्टोर ऐप खोलें और ऊपर दिए गए सर्च बार में " कड़कनाथ जानकारी " टाइप करके सर्च करें। खोज परिणामों में जब यह ऐप दिखाई दे, तो उस पर क्लिक करें और फिर इंस्टॉल बटन पर टैप करें। ऐप कुछ ही क्षणों में आपके फ़ोन में डाउनलोड और इंस्टॉल हो जाएगा। इंस्टॉलेशन के बाद ऐप को ओपन करें, जहाँ सबसे पहले आपको भाषा चयन (हिंदी या अंग्रेज़ी) का विकल्प मिलेगा। अपनी पसंद की भाषा चुनते ही ऐप का होम पेज खुल जाएगा, जहाँ से आप कड़कनाथ नस्ल, पालन तकनीक, पोषण, व्यवसायिक लाभ, टीकाकरण, फीड प्रबंधन आदि की सम्पूर्ण जानकारी सरल और आकर्षक ढंग से प्राप्त कर सकते हैं। यह ऐप किसानों के लिए ज्ञान का एक डिजिटल स्रोत है, जो कहीं भी और कभी भी उपयोग किया जा सकता है। आप सीधे इस लिंक पर क्लिक करके भी ऐप डाउनलोड पेज तक पहुँच सकते हैं:
"कड़कनाथ जानकारी" – गूगल प्ले स्टोर लिंक - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.nibsmkadaknath.app
संपर्क करें
यदि आप "कड़कनाथ जानकारी" ऐप से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, ऐप की किसी विशेष विशेषता को लेकर सुझाव देना चाहते हैं, या तकनीकी सहायता की आवश्यकता है, तो आप सीधे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान , बारोंडा, रायपुर (छत्तीसगढ़) से संपर्क कर सकते हैं। यह संस्थान फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम के अंतर्गत किसानों के सशक्तिकरण हेतु आधुनिक डिजिटल संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान करता है। इच्छुक किसान, पशुपालक, छात्र या उद्यमी संस्थान से ईमेल के farmerfirst.nibsmraipur@gmail.com पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वेबसाइट पर अनुसंधान परियोजनाओं, किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों, और कृषि नवाचारों से संबंधित अन्य उपयोगी संसाधन भी उपलब्ध हैं, जिससे आप सीधे विशेषज्ञों से जुड़कर अपने अनुभव व व्यवसाय को और अधिक समृद्ध बना सकते हैं।
निष्कर्ष
"कड़कनाथ जानकारी" ऐप किसानों, पशुपालकों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण डिजिटल नवाचार के रूप में सामने आया है, जो न केवल ज्ञान प्रदान करता है बल्कि व्यावसायिक मार्गदर्शन और तकनीकी सशक्तिकरण का भी सशक्त माध्यम है। यह ऐप कड़कनाथ मुर्गी पालन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियाँ — जैसे नस्ल का परिचय, पोषण मूल्य, आहार प्रबंधन, टीकाकरण, स्वास्थ्य देखभाल, बाजार संभावनाएं, और पालन संबंधी सुझाव — एक सरल, स्थानीय भाषा और विज़ुअल माध्यम में प्रस्तुत करता है, जिससे ग्राम स्तर तक के किसान भी इसे आसानी से समझ सकते हैं और अपनाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होते हैं, जिससे विशेष रूप से ग्रामीण युवा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। साथ ही यह पहल कड़कनाथ नस्ल के संरक्षण, संवर्धन और व्यावसायीकरण को गति देती है, जो पोषण सुरक्षा और स्वास्थ्य दृष्टिकोण से भी अत्यंत उपयोगी है। कुल मिलाकर, यह ऐप डिजिटल कृषि सशक्तिकरण की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण है, जो सतत विकास, कृषि नवाचार और ग्रामीण समृद्धि के राष्ट्रीय लक्ष्यों को साकार करने में प्रभावी भूमिका निभा रहा है।
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