डॉ. पी. मुवेंथन (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. गुंजन झा (वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, राजनांदगांव), 
डॉ. श्रावणी सान्याल (वैज्ञानिक), डॉ. निरंजन प्रसाद (वैज्ञानिक), सुमन सिंह (वरिष्ठ अनुसंधान सहायक, एनएएसएफ परियोजना), एवं डॉ. हेम प्रकाश वर्मा (यंग प्रोफेशनल, एफएफपी परियोजना)
आईसीएआर - राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, बारोंडा, रायपुर (छत्तीसगढ़)

परिचय
फोल्डस्कोप एक अभिनव, अत्यंत कम लागत वाला फोल्डिंग माइक्रोस्कोप है, जिसे मुख्यतः कागज़, प्लास्टिक स्लाइड और एक साधारण लेंस से तैयार किया गया है और जिसकी कीमत मात्र एक अमेरिकी डॉलर से भी कम है। यह माइक्रोस्कोप पारंपरिक प्रकाश सूक्ष्मदर्शी की तरह उच्च गुणवत्ता से सूक्ष्म संरचनाओं का अवलोकन करने में सक्षम है, साथ ही इसे एक शीट पेपर और लेंस से आसानी से असेंबल किया जा सकता है। इसका हल्का, पोर्टेबल और टिकाऊ डिज़ाइन इसे फील्ड उपयोग के लिए आदर्श बनाता है, विशेषकर उन ग्रामीण या संसाधन-वंचित क्षेत्रों में जहाँ महंगे वैज्ञानिक उपकरण उपलब्ध नहीं होते। फोल्डस्कोप वैज्ञानिकों, छात्रों, किसानों, विज्ञान शिक्षकों और विस्तार कार्यकर्ताओं को पौधों के ऊतक, कीटों, फफूंद, बैक्टीरिया, बीज रोग आदि का सूक्ष्म अवलोकन करने की सुविधा देता है। इसकी सरलता और प्रभावशीलता इसे विज्ञान का एक जनसुलभ माध्यम बनाती है, जो विज्ञान को प्रयोगशालाओं से निकालकर खेत, स्कूल और गाँव तक ले जाने का कार्य कर रहा है।

क्या है फोल्डस्कोप?
फोल्डस्कोप एक अत्यंत हल्का, कम लागत वाला और पूरी तरह कार्यशील माइक्रोस्कोप है, जिसे मुख्यतः कागज, एक उच्च गुणवत्ता वाला लेंस, एलईडी लाइट, बैटरी सेल, प्लास्टिक स्लाइड्स और चुंबकीय क्लिप जैसे कुछ अन्य सस्ते लेकिन उपयोगी घटकों से मिलाकर तैयार किया गया है। इसे “कागजी माइक्रोस्कोप” भी कहा जाता है क्योंकि इसका मुख्य ढांचा मजबूत कागज की एक शीट से मोड़कर तैयार किया जाता है। यह इतना कॉम्पैक्ट होता है कि इसे जेब में भी आसानी से रखा जा सकता है। फोल्डस्कोप की सबसे विशेष बात इसकी आवर्धन क्षमता है, जो लगभग 140X तक होती है। इस क्षमता के कारण यह बैक्टीरिया, फफूंद के बीजाणु, पौधों के ऊतक, कीटों के अंडे और शरीर की सूक्ष्म रचनाएं, परागकण, और पानी में उपस्थित जीवाणुओं जैसे सूक्ष्म जीवों को स्पष्ट रूप से दिखा सकता है। इसकी विभेदन क्षमता लगभग 2 माइक्रोन तक होती है, जो इसे पारंपरिक माइक्रोस्कोप के समकक्ष बनाती है। फोल्डस्कोप को मोबाइल फोन के कैमरे से जोड़ा जा सकता है, जिससे सूक्ष्मदर्शी अवलोकनों की तस्वीरें और वीडियो भी रिकॉर्ड की जा सकती हैं। इससे यह वैज्ञानिक अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण, और खेतों में फसलों की बीमारी के तत्काल अवलोकन में अत्यंत उपयोगी हो जाता है। इसे अंधेरे में भी प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि इसमें एलईडी लाइट लगी होती है, जिसे बैटरी से संचालित किया जा सकता है। यह उपकरण ना केवल प्रयोगशाला में, बल्कि खेत, विद्यालय, गाँव या किसी दूरस्थ क्षेत्र में भी वैज्ञानिक अध्ययन और पर्यवेक्षण के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसकी डिज़ाइन और निर्माण की सरलता इसे ‘मेक इन मिनट्स’ उत्पाद बनाती है, जिसे कोई भी बिना तकनीकी प्रशिक्षण के कुछ ही समय में जोड़कर उपयोग कर सकता है।

फोल्डस्कोप का विकास और उद्देश्य
फोल्डस्कोप का विकास 2014 में डॉ. मनु प्रकाश द्वारा किया गया, जो अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में बायोइंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। मूलतः भारत में पले-बढ़े डॉ. प्रकाश ने अपने प्रारंभिक जीवन में देखा कि कैसे ग्रामीण और संसाधन-वंचित क्षेत्रों में विज्ञान और तकनीकी उपकरणों की पहुंच सीमित होती है। वे मानते थे कि विज्ञान का उद्देश्य केवल प्रयोगशालाओं और शोध संस्थानों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह हर आम व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए – विशेषकर उन लोगों तक, जो सीमित संसाधनों में भी नवाचार और ज्ञान की भूख रखते हैं। इसी विचार को साकार करने के लिए उन्होंने फ्रूगल साइंस की अवधारणा प्रस्तुत की यानि कम लागत में उपयोगी, सरल और सुलभ वैज्ञानिक उपकरणों का निर्माण। इस विचारधारा का पहला और सबसे चर्चित परिणाम था फोल्डस्कोप, जिसे कागज, सस्ते लेंस और सरल घटकों से निर्मित किया गया। डॉ. प्रकाश का उद्देश्य था कि ऐसा माइक्रोस्कोप तैयार किया जाए जिसकी कीमत मात्र 1 अमेरिकी डॉलर से भी कम हो, ताकि दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाला छात्र, किसान या जिज्ञासु व्यक्ति वैज्ञानिक खोज और निरीक्षण कर सके। उन्होंने फोल्डस्कोप को इस प्रकार डिज़ाइन किया कि यह न केवल निर्माण में आसान हो, बल्कि मजबूत, टिकाऊ और फील्ड कार्य के लिए पूरी तरह उपयुक्त हो। इस माइक्रोस्कोप को बिना किसी बिजली या भारी उपकरण के चलाया जा सकता है, और यह मोबाइल फोन के साथ भी जोड़ा जा सकता है। इस तरह, यह उपकरण विज्ञान को "डेमोक्रेटाइज" करता है – यानी हर किसी को वैज्ञानिक बनने का अवसर देता है। फोल्डस्कोप का उद्देश्य न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है, बल्कि यह विज्ञान शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और कृषि जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक उपयोग के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण बन चुका है। आज फोल्डस्कोप का उपयोग विश्वभर में 150 से अधिक देशों में किया जा रहा है और लाखों लोग इससे सीख रहे हैं, खोज कर रहे हैं और विज्ञान को अपने जीवन में ला रहे हैं।

कृषि में इसकी उपयोगिता
कृषि क्षेत्र में फोल्डस्कोप एक अत्यंत उपयोगी उपकरण के रूप में उभरा है, विशेष रूप से जब इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर द्वारा विकसित मोबाइल ऐप “फोल्डस्कोप सूचना” के माध्यम से किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से जोड़ा गया। इस ऐप में फोल्डस्कोप के प्रयोग द्वारा फसलों की बीमारियों की प्रारंभिक पहचान, जैविक उत्पादों की गुणवत्ता की जांच तथा रोग प्रबंधन से संबंधित जानकारी सुलभ रूप से उपलब्ध कराई गई है। फोल्डस्कोप के माध्यम से किसान फसलों में लगने वाले रोगजनकों जैसे फफूंद, जीवाणु या वायरस के बीजाणुओं का प्रत्यक्ष अवलोकन कर सकते हैं, जिससे समय रहते उचित उपचार संभव हो पाता है। इसके अलावा, यह कीट-पतंगों के विभिन्न जीवन-चक्रों, अंडों और शरीर की सूक्ष्म रचनाओं को समझने में मदद करता है, जिससे एकीकृत कीट प्रबंधन के निर्णय लेना आसान होता है। साथ ही, बीज या मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म रोगजनकों की उपस्थिति का विश्लेषण तथा जैविक उत्पादों जैसे ट्राइकोडर्मा या पैसिलोमाइसिस में सूक्ष्म जीवों की सक्रियता की पुष्टि फोल्डस्कोप द्वारा सरलता से की जा सकती है। इस प्रकार, फोल्डस्कोप किसानों को वैज्ञानिक सोच से जोड़ते हुए कृषि में आत्मनिर्भरता और सटीक निर्णय क्षमता को सशक्त बनाता है।

प्रमुख अवलोकन (एप आधारित उदाहरण)

अवलोकन

विवरण

1. अमरंथस का सफेद रतुआ (एल्ब्युगो ब्लाइटी)

2. पत्तियों पर सफेद चूर्ण जैसा संक्रमण

3. टमाटर का अर्ली ब्लाइट (अल्टरनेरिया सोलानी)

4. पत्तियों पर धब्बेदार दाग और फफूंद संरचनाएं

5. इंदिरा ट्राइकोडर्मा (ट्राइकोडर्मा प्रजातियाँ)

6. जैविक कवकनाशी की सक्रियता

7. पैसिलोमाइसिस (पैसिलोमाइसिस)

8. एंटोमोपैथोजेनिक माइक्रोब्स का अध्ययन

9. अवलोकन

10. विवरण


फोल्डस्कोप का शैक्षणिक और विस्तार में महत्व
फोल्डस्कोप का शैक्षणिक और विस्तार कार्यों में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है, विशेष रूप से कृषि विज्ञान केंद्रों , कृषि महाविद्यालयों, स्कूलों और ग्रामीण समुदायों में वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ाने के लिए। यह उपकरण विज्ञान को सरल, सस्ता और रोचक बनाकर छात्रों, किसानों और विस्तार कर्मियों के लिए जमीनी स्तर पर समझने योग्य बनाता है। विद्यालयों और महाविद्यालयों में इसका प्रयोग विद्यार्थियों को सूक्ष्म जीवों, पौधों की संरचनाओं और जैविक प्रक्रियाओं को प्रत्यक्ष रूप से दिखाकर वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करता है। वहीं, किसान मेलों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और फील्ड विजिट्स के दौरान फोल्डस्कोप का उपयोग कर किसानों को फसलों की बीमारियों, कीट-पतंगों और जैव उत्पादों के प्रभाव को वास्तविक रूप में दिखाया जा सकता है, जिससे उनका विश्वास और समझ दोनों बढ़ती हैं। इसके अलावा, विस्तार कार्यकर्ताओं और एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एजेंटों के लिए यह ‘फील्ड पर माइक्रो डायग्नोसिस’ का एक सरल, मोबाइल और प्रभावी साधन बन चुका है, जो उन्हें बिना प्रयोगशाला में गए ही खेतों में समस्याओं की पहचान और समाधान की दिशा में निर्णय लेने में मदद करता है।

मोबाइल ऐप “फोल्डस्कोप सूचना” की विशेषताएं
“फोल्डस्कोप सूचना” मोबाइल ऐप फोल्डस्कोप उपयोगकर्ताओं के लिए एक अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक डिजिटल उपकरण है, जिसे विशेष रूप से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर द्वारा विकसित किया गया है। यह ऐप द्विभाषी है – अर्थात इसमें सामग्री हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे इसे देश के अलग-अलग क्षेत्रों के किसान, छात्र और विस्तार कार्यकर्ता आसानी से समझ और उपयोग कर सकते हैं। ऐप में फोल्डस्कोप के सही उपयोग की विधि, फसलवार रोग पहचान, रोगजनकों की सूक्ष्म विशेषताएं, तथा जैव उत्पादों (जैसे ट्राइकोडर्मा, पैसिलोमाइसिस आदि) की पहचान व गुणवत्ता जांच से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई है। यह ऐप इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि कोई भी व्यक्ति बिना किसी तकनीकी प्रशिक्षण या वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के भी इसे आसानी से चला सके और फील्ड में तुरंत लाभ उठा सके। ऐप में तस्वीरें, सरल भाषा, और निर्देशात्मक वीडियो जैसी सुविधाएं शामिल हैं जो उपयोगकर्ताओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करती हैं। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर निःशुल्क उपलब्ध है, जिससे कोई भी एंड्रॉइड उपयोगकर्ता इसे आसानी से डाउनलोड कर सकता है और फोल्डस्कोप की मदद से अपने कृषि कार्यों को वैज्ञानिक दिशा में आगे बढ़ा सकता है।

ऐप डाउनलोड करने की प्रक्रिया
फोल्डस्कोप सूचना एक द्विभाषीय (हिंदी और अंग्रेज़ी) मोबाइल ऐप है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद–राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर द्वारा विशेष रूप से फोल्डस्कोप के फील्ड उपयोग, कृषि में रोग पहचान, और जैव उत्पादों की गुणवत्ता परीक्षण हेतु विकसित किया गया है। यह ऐप किसानों, छात्रों, वैज्ञानिकों और कृषि विस्तार कार्यकर्ताओं को आसानी से फोल्डस्कोप की जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाया गया है। इस ऐप को डाउनलोड करना बेहद सरल है। अगर आप एंड्रॉइड स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं, तो इसे आप गूगल प्ले स्टोर से निःशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें
  • अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर खोलें।
  • सर्च बार में “फोल्डस्कोप सूचना” टाइप करें और सर्च पर क्लिक करें।
  • सर्च परिणामों में “फोल्डस्कोप सूचना” नामक ऐप दिखाई देगा – इसे पहचानें और उस पर क्लिक करें।
  • ऐप विवरण पेज पर पहुँचने के बाद “इंस्टॉल” बटन पर क्लिक करें।
  • कुछ ही क्षणों में ऐप आपके मोबाइल में डाउनलोड होकर इंस्टॉल हो जाएगा।
  • आप सीधे इस लिंक पर क्लिक करके भी ऐप डाउनलोड पेज तक पहुँच सकते हैं:

👉 फोल्डस्कोप सूचना – गूगल प्ले स्टोर लिंक


संपर्क जानकारी
यदि ऐप के प्रयोग में किसी भी प्रकार की सहायता या सुझाव की आवश्यकता हो, तो उपयोगकर्ता निम्नलिखित पते और माध्यमों से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर (छत्तीसगढ़) से संपर्क कर सकते हैं:
  • पता -आईसीएआर – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान बारोंडा, पोस्ट – क्रिस्चियन कैंप, रायपुर – 493225, छत्तीसगढ़, भारत
  • ईमेल: farmerfirst.nibsmraipur@gmail.com
  • दूरभाष: संस्थान के संपर्क नंबर वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

इस प्रकार, “फोल्डस्कोप सूचना” ऐप विज्ञान को आम जनता तक पहुँचाने और कृषि में नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक अत्यंत उपयोगी और प्रभावशाली माध्यम बन चुका है।

निष्कर्ष
फोल्डस्कोप एक क्रांतिकारी, कम लागत वाला वैज्ञानिक उपकरण है, जो “कम लागत में उच्च गुणवत्ता” की अवधारणा को साकार करता है और विज्ञान को प्रयोगशालाओं से निकालकर गाँव, खेत और विद्यालय तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश, जहाँ लगभग 70% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और संसाधनों की उपलब्धता सीमित है, वहाँ फोल्डस्कोप किसानों, छात्रों, शिक्षकगण और कृषि विस्तार कार्यकर्ताओं के लिए एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। यह उपकरण न केवल फसलों में रोगों की पहचान और कीट-पतंगों की सूक्ष्म जानकारी देने में सक्षम है, बल्कि यह वैज्ञानिक चेतना, जिज्ञासा और नवाचार को भी बढ़ावा देता है। इसकी मदद से किसान फील्ड पर ही समस्या की पहचान कर सकते हैं और समय रहते समाधान पा सकते हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी संभव हो पाती है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर द्वारा फोल्डस्कोप को मोबाइल ऐप “फोल्डस्कोप सूचना” से जोड़कर इसकी उपयोगिता और पहुंच को और अधिक बढ़ा दिया गया है, जिससे यह उपकरण केवल एक वैज्ञानिक टूल नहीं, बल्कि ग्रामीण नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक प्रभावी कदम बन गया है। इस तरह फोल्डस्कोप न केवल तकनीकी समावेशन का प्रतीक है, बल्कि यह वैज्ञानिक साक्षरता, टिकाऊ कृषि और समावेशी विकास के लिए भी एक प्रेरणास्रोत है।