द्रोणक कुमार साहू(अतिथि शिक्षक विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर)
देव प्रकाश वर्मा(पीएचडी, कृषि अर्थशास्त्र विभाग, कृषि महाविद्यालय, आई.जी.के.वी. रायपुर)
परिचय
टमाटर भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसकी मांग साल भर बनी रहती है। रायपुर मंडी, छत्तीसगढ़ की प्रमुख मंडियों में से एक है, जहाँ टमाटर की खरीद और बिक्री बड़े पैमाने पर होती है। 2023 से 2024 के बीच टमाटर की कीमतों में असामान्य उतार-चढ़ाव देखा गया है, जो जलवायु, आपूर्ति श्रृंखला, और उत्पादन से जुड़े विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है। इस लेख में रायपुर मंडी में टमाटर की कीमतों में आए परिवर्तनों का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
कीमतों का वर्षवार अवलोकन
1. जनवरी 2023 से जून 2023: स्थिरता और औसत कीमतें
कीमतें: जनवरी से मार्च तक टमाटर की औसत कीमत ₹10-₹20 प्रति किलो ग्राम थी।
कारण:
- रबी फसल की आवक के कारण आपूर्ति में संतुलन।
- सामान्य मौसम और उत्पादन में वृद्धि।
- अप्रैल से जून के बीच हल्की वृद्धि देखी गई, और कीमतें ₹25-₹30 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं।
- गर्मी के कारण उत्पादन में कमी।
- भंडारण और परिवहन लागत में वृद्धि।
2. जुलाई 2023 सेअक्टूबर 2023: कीमतों में तेज वृद्धि
कीमतें: इस अवधि में टमाटर की कीमतों में अप्रत्याशित उछाल देखा गया। अगस्त 2023 तक कीमतें ₹80-₹100 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं।
कारण:
- भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद हो गईं।
- मांग और आपूर्ति के बीच बड़ा अंतर।
- परिवहन में बाधाएं, जिससे मंडियों तक फसल नहीं पहुंच सकी।
3. नवंबर 2023 से फरवरी 2024: स्थिरता और गिरावट
कीमतें: नवंबर से कीमतों में गिरावट शुरू हुई, और दिसंबर तक औसत कीमत ₹40-₹50 प्रति किलोग्राम हो गई।
कारण:
- खरीफ फसल की अच्छी पैदावार।
- आपूर्ति में सुधार और त्योहारी सीजन के बाद मांग में गिरावट।
- सरकारी हस्तक्षेप और सब्सिडी आधारित वितरण योजनाओं का प्रभाव।
4. मार्च 2024 सेजून 2024: नई चुनौतियाँ
कीमतें: मार्च से मई 2024 तक कीमतें ₹30-₹40 प्रति किलोग्राम पर स्थिर रहीं, लेकिन मई के अंत में गर्मी के कारण उत्पादन में गिरावट से हल्की वृद्धि देखी गई।
कारण:
- गर्मी और पानी की कमी।
- किसानों द्वारा अन्य नकदी फसलों की ओर रुझान।
कीमतों में परिवर्तन के प्रमुख कारण
- जलवायु परिवर्तन: 2023 की भारी बारिश और बाढ़ ने टमाटर की फसलों को व्यापक नुकसान पहुँचाया।
- उत्पादन लागत: उर्वरक, बीज और परिवहन लागत में वृद्धि ने कीमतों को प्रभावित किया।
- मांग और आपूर्ति का असंतुलन: मानसून के दौरान मांग अधिक और आपूर्ति कम होने से कीमतें बढ़ीं।
- भंडारण की समस्या: टमाटर एक जल्दी खराब होने वाली फसल है, और भंडारण की सीमित सुविधा कीमतों के उतार-चढ़ाव का कारण बनी।
- मध्यस्थों की भूमिका: आपूर्ति श्रृंखला में बिचौलियों के प्रभाव से कीमतें प्रभावित हुईं।
सरकार और प्रशासन की पहल
- छत्तीसगढ़ सरकार ने 2023 में सब्सिडी पर टमाटर की बिक्री की व्यवस्था की।
- कोल्ड स्टोरेज की सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- मंडी में किसानों से सीधा खरीद सुनिश्चित करने के लिए ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) को प्रोत्साहन दिया गया।
निष्कर्ष
2023 से 2024 के बीच रायपुर मंडी में टमाटर की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। जलवायु परिवर्तन, आपूर्ति शृंखला की बाधाओं और उत्पादन लागत में वृद्धि इसके प्रमुख कारण रहे। सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा समय पर हस्तक्षेप से कुछ स्थिरता आई, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए बेहतर भंडारण सुविधाएं, जलवायु अनुकूल खेती, और कुशल विपणन व्यवस्था की आवश्यकता है।
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