ब्रजेश कुमार नामदेव
कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर, नर्मदापुरम

आर्या (ARYA): 
युवाओं को कृषि में बनाए रखना और कृषि को अधिक लाभदायक बनाना एक बड़ी चुनौती हैं। साथ हीग्रामीण युवाओं का शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन भी लगातार बढ़ रहा है। दूसरी ओरबढ़ती जनसंख्या एवं दिन प्रतिदिन छोटी होती हुई भूमि जोत आगे चलके खाद्य सुरक्षा के लिए चुनौती हैं। कृषि विकास में ग्रामीण युवाओं के महत्व को समझते हुए और विभिन्न कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से कृषि में ग्रामीण युवाओं के बीच रुचि और विश्वास पैदा करनावप्रोत्साहितकरना,बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करनेहेतुग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और संबंधी गतिविधियों में ग्रामीण युवाओं को शामिल करने के लिए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने देश के कुछ कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से "कृषि में युवाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने (ARYA - Attracting and Retaining Youth in Agriculture) कार्यक्रम शुरू किया।

इसी आर्या (ARYA)कार्यक्रम के माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर द्वारा ग्रामीण युवाओं को उद्यमशीलता गतिविधियों में उनका कौशल विकास करबकरी पालन, मुर्गी पालन, नर्सरी प्रबंधन, दाल प्रसंस्करण एवं विपरण क्षेत्र में संबंधित सूक्ष्म उद्यम इकाइयों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है।

कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर में संचालित आर्या परियोजना के लाभार्थी श्रीमती ज्योतिबाला मुंशी आरसे की कहानी जिन्होंने किराने की दुकान से देशी मुर्गी पालन को अपना उद्यम बनाया इससे यह अच्छी आमदनी प्राप्त करने के साथ साथ क्षेत्र में अन्य लोगो को देशी मुर्गी के चूजे, देशी मुर्गा, देशी अंडे उपलब्ध कराते है एवं आरसे देशी पोल्ट्री की एक अलग पहचान बनाई है।

उद्यमी का नाम: ज्योति बाला मुन्सी आरसे

पता: ग्राम- कपूरी, बनखेड़ी, नर्मदापुरम म.प्र.

उम्र: 32, शैक्षणिक योग्यता: 12 वीं