खिरोमणी नाग
पी.एचडी. स्कॅालर, पुष्प विज्ञान एवं वास्तुकला विभाग, ई.गा.कृ.वि. रायपुर (छ.ग.) 
विकास चन्द्र
प्राविधिक सहायक (कृषि विभाग), उत्तरप्रदेश सरकार (उ.प्र.)

आज के समय में हमारे बागों में उगाने वाले सबसे खूबसूरत एवं रंगीन, ग्रीष्म वार्षिक पुष्पीय पौधे को ग्रीष्म में लगाने के लिये सर्वोत्तम माना जाता है क्योंकि ये शीघ्रता से उगते और बढ़ते है। इसलिये आसानी से हमारे उद्यान के क्यारियों में पौध तैयारकर अपने बागों को सजाने के लिये किया जाता है क्योंकि ये फूल बागों में अपनी अलग ही भूमिका निभाते हैं। ये गर्मीवर्गीय फूलों को इस ऋतु में कम देख-रेख करके भी उगा सकते हैं। ये पुष्पीय पौधे अपने बागों की सजावट करने, क्यारियों, सज्जाएं, फेंसिंग उद्यान के रास्ते तथा दीवारों इत्यादि पर उपयोग कर सकते है। ग्रीष्मकालीन वार्षिक फूलों में जैसे-जिनिया, कोचिया, कॉसमोस, पोर्चुलका, तितोनिया, सूर्यमुखी, कोरियोपसिस और गोमफेरेना इत्यादि आते हैं।

जिनिया
जिनिया एलिगेंस ग्रीष्मकालीन वार्षिक पुष्पीय पौधे का नामकरण जर्मन वनस्पति वैज्ञानिक जो हॉनसनग्राटफीड के नाम पर पड़ा है यह एक झाड़िनुमा पौधा है। जिनको क्यरियों, सज्जा तथा कंटेनर पौधे के रुप में उपयोग कर सकते है। इनको इन्हीं ऋतु में बीजों के द्वारा कम तापमान मे भी आसानी से उगाया जा सकता है। लेकिन इनके विपरित मौसम में पाले से बचाने का समुचित व्यवस्था पहले से करके ही इसे उगाया जाना चाहिये।
कोचिया- कोचिया पर्णीय पौधा बहुत ही प्रचलित है जिनको अंग्रेजी में कोचिया स्कोपेरिया, चिनोपोडियेसी परिवार से है। इसे ग्रीष्म ऋतु में बीजों से प्रवर्धन कर उद्यान के रास्ते, एजिंग, बॉर्डर, लॉन की शोभा बढ़ाने और गार्डन की सुंदरता के दृष्टि के लिये लगाया जाता है।

पोर्चुलका
पोर्चुलका ग्रैंडीफ्लोरा उद्यान सजावीय पौधा है जिसे ग्रामीण क्षेत्र्ाों में गंगा दुबी के नाम से जाना जाता है। इसे विशेषतः मंदिर प्रागण में, छोटे कंटेनर, ग्राउण्ड कवर तथा दीवारों पर लगाने के लिये प्रयुक्त किया जाता है। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि सूर्योदय के साथ-साथ पुष्पन तथा सूर्यास्त के समय पुष्प गुच्छ बंद होना रहता है तथा इन्हें बीजों के साथ-साथ कलम से भी लगाया जाता है।
कॉसमोस- कॉसमोस ग्रीष्मकालीन वार्षिक पुष्पीय पौधा है जिनकों वानस्पतिक नामों से कॉसमोसबिपिनेट्स तथा कंपोजिटी परिवार में आता है जिनका उपयोग फेंसिग कवर के रूप में करते हैं तथा इन्हें बीजों के द्वारा प्रसारित किया जाता है।

तितोनिया
तितोनिया यह पर्णीय पौधे जिनका वानस्पतिक नाम तितोनिया स्पेशियोसा और कंपोजिटी परिवार से संबंध रखता हैं एवं इसे बॉर्डर के पीछे तथा गार्डन में फेंसिंग कवर के रूप में उपयोग करते हैं। इसेे बीजों के माध्यम से लगाया जाता है।

सूर्यमुखी
सूर्यमुखी, कंपोजिटी कुल की कम ऊँचाई वाले पुष्पीय पौधा है। जिनका उपयोग क्यरियों तथा उद्यान के बॉर्डर में लगाने के लिये बीजों के माध्यम किया जा सकता है।

कोरियोपसिस
इनका जीनस कोरियोपसिस तथा प्रजाति टिंकटोरिया है जो कि कंपोजिटी परिवार का पौधा है ये पुष्पीय पौधे को लॉन तथा बॉर्डर बनाने के लिए बाग में लगाया जाता है इसे लगाने के बाद मई-जुलाई में ये झाडिनुमा फैलकर बहुत समय तक फूलता रहता है।

गोमफेरेना
ग्रीष्म ऋतु वाले फूलों मे से गोम फेरेना एक पुष्प है जिनको वानस्पतिक रूप से गोमफेरेना ग्लोबोसा और कंपोजिटी परिवार में आती है जिनको क्यरियों, सजाने तथा गमलों मे लगाने के लिये किया जाता है। यह पुष्पीय पौधे को बीजों से तैयार किया जाता है।

ये सभी ग्रीष्मकालीन वार्षिक पुष्पीय पौधे है। जिनको लगाने के उपरांत नियमित देखभाल की जरूरत होती हैं जो निम्न है-
1. ग्रीष्मकालीन वार्षिक पुष्पीय पौधे को लगाने के तुरंत बाद ही हजारे की सहायता से हल्की सिंचाई करनी चाहिये।

2. ग्रीष्मकालीन पुष्पीय पौधे को सुबह जल्दी और सायं बाद ही नियमित पानी देना चाहिये।

3. पुष्पीय पौधे को जरूरत के अनुसार उर्वरक भी देना चाहिये ।

4. ग्रीष्म ऋतु में पौधे के पास उगे घास-पॉत को समय-समय पर सफाई करते रहना चाहिये।

5. पौधे को धूप से भी बचाव करते रहना चाहिये।

6. पौधों को कीटों और रोगों से बचाव व्यवस्था करना चाहिए।