डॉ. कुशल साण्डे, डॉ.ए.के त्रिपाठी, श्री विनय कश्यप एवं डॉ. द्रोणक साहू
दुग्ध एवं खाद्य प्रोद्यौगिकी महाविद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ)

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर करती है। डेयरी कृषि का एक महत्वपूर्ण भाग है जो कि कृषि के बाकी अंगो की अपेक्षा देश की जीडीपी और रोजगार में सबसे अधिक योगदान देता है। भारत विश्व में सबसे अधिक दूध का उत्पादन करने वाला देश है। दूध एवं दूध से बने उत्पाद जैसे दही, लस्सी, घी, मिठाई इत्यादि, हमारे पुरातन भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जिसका उपयोग बहुत पुराने समय से हो रहा है। अभी हमारे देश में दूध का बिजनेस संगठित/ऑर्गनाईज्ड एवं असंगठित/अन-ऑर्गनाईज्ड सेक्टर सम्हालती है। लेकिन आज भी हमारे देश में दुध एवं दूध से बने उत्पादों कि प्रोसेसिंग एवं विपणन का अधिकतर हिस्सा असंगठित सेक्टर के पास है। लेकिन भविष्य में संगठित सेक्टर की हिस्सेदारी तीव्रगति से बढ़ने की संभावना है। संगठित सेक्टर मंे डेयरी कोआपरैटिव प्रमुख है इनमें अमूल, वेरका, नंदनी, मदर डेयरी, मिलमा इत्यादि है। इसके अलावा प्राइवेट कंपनी एवं स्टार्टअप भी हैं। इसलिए संगठित/ऑर्गनाईज्ड सेक्टर को प्रशिक्षित डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट की आवश्यकता है। दूध एक पूर्ण आहार है जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। आजकल बाजार में विभिन्न प्रकार के दूध एवं दूध के बने उत्पाद उपलब्ध है, साथ ही इनोवेशन के माध्यम से नये-नये इनोवेटिव प्रोडक्टस बाजार में दिन प्रतिदिन आ रहे है जैसे की रेडी टू ईट, टेट्रा पैक, हेल्थ ड्रिंक्स, प्रोटीन पाउडर एण्ड सप्लीमेंट, फॉर्टेफाइड मिल्क, जिससे दूध की खपत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

कोर्स एवं शैक्षणिक योग्यताः-
डेयरी टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा, बी.टेक. एवं एम.टेक. के कोर्स संचालित हो रहे है। इस कोर्स में डेयरी केमिस्ट्री, डेयरी माइक्रोबाइओलॉजी, डेयरी टेक्नोलॉजी, डेयरी इंजीनियरिंग, डेयरी बिजनेस एण्ड मैनेजमेंट विभागों के तहत विभिन्न विषयों की पढ़ाई की जाती है। यह कोर्स दूध और दूध उत्पादों के विभिन्न पहलुओं जैसे कि उनकी विनिर्माण प्रौद्योगिकी, रसायन और सूक्ष्म जीव विज्ञानी विश्लेषण, डेयरी मशीनरी, डेयरी फार्मिंग अभ्यास, दूध व्यवसाय और वितरण आदि। कोर्स के फाईनल ईयर में छात्रों को डेयरी प्लांट में औद्योगिक प्रशिक्षण दी जाती है जिससे की उनका प्रैक्टिकल अनुभव और अधिक हो सके। डेयरी टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा एवं बी.टेक. कोर्स करने के लिए 12वी कक्षा भौतिकी, रसायन एवं गणित विषय में उत्तीर्ण होना जरूरी है।

कैरियरः-
डेयरी टेक्नोलॉजी का कोर्स बहुत सारे क्षेत्रों मे कार्य करने का मौका प्रदान करता है। इनमें डेयरी कोआपरैटिव, प्राइवेट डेयरी/फूड कम्पनीयां एवं स्टार्टअप, गवर्नमेंट क्षेत्र मुख्य है। डेयरी प्लांट में डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट का प्रमुख कार्य संरक्षण तकनीक और इंजीनियरिंग अनुप्रयोग की सहायता से दूध की शेल्फ लाइफ बढ़ाना, वैल्यू ऐडिसन करना, दूध की गुणवत्ता बनाएं रखना, दूध को पीने लायक बनाना है। दूध के कलेक्शन से लेकर दूध को प्रोसेसिंग कर सप्लाई करने की जिम्मेदारी डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट की होती है। डेयरी प्लांट में प्रोडक्सन अधिकारी, गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी, प्रोक्यूरमेंट अधिकारी, सहकारी क्षेत्र में डेयरी डेवलपमेंट ऑफिसर, के रूप मे अपने कैरियर की शुरुवात की जा सकती है। इसके अलावा इस क्षेत्र में उच्च अध्ययन करने के बाद टीचिंग, डेयरी साइंटिस्ट बना जा सकता है।

डेयरी सेक्टर खुद का बिजनेस या स्टार्टउप शुरू करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। डेयरी सेक्टर भारत सरकार के प्राइम सेक्टर में से एक है इसलिए सरकार ने इस सेक्टर को बढा़ने के लिए कई प्रकार की योजनाऐं और सब्सिडी चालू की है। इसमें डेयरी फार्मिंग करने, डेयरी मशीनरी खरीदी करने, स्वयं का व्यवसाय करने के लिए कई प्रकार की सब्सिडी एवं तकनिकी सहायता प्रदान की जाती है।

प्रमुख शैक्षणिक संस्थानः-
डेयरी साइंस में कैरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए डेयरी से सम्बंधित प्रमुख संस्थान निम्नवत हैः-

1. डेयरी पाॅलीटेक्निक कॉलेज, तखतपुर (छत्तीसगढ)

2. डेयरी पाॅलीटेक्निक कॉलेज, बेमेतरा (छत्तीसगढ)

3. दुग्ध एवं खाद्य प्रोद्यौगिकी महाविद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ)

4. एन.डी.आर.आई., करनाल (हरियाणा)

5. एस.एम.सी. कॉलेज ऑफ डेयरी साइंस, आनंद (गुजरात)

6. कॉलेज ऑफ डेयरी टेक्नोलॉजी, पुसद (महाराष्ट्र)