छत्तीसगढ़ अब देश का मिलेट हब बनने जा रहा है। सीएम भूपेश बघेल ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू किया है। आईआईएमआर मिलेट उत्पादन बढ़ाने छत्तीसगढ़ के किसानों को तकनीकी जानकारी देगा। एमओयू मिलेट मिशन में आगामी पांच वर्षों में 170 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद और 14 जिलों के साथ एमओयू किया गया है।

आईआईएमआर मिलेट उत्पादन बढ़ाने छत्तीसगढ़ के किसानों को तकनीकी जानकारी देगा। उच्च क्वालिटी के बीज, सीड बैंक की स्थापना में मदद और प्रशिक्षण दिया जाएगा। मिलेट उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने की उपज की सही कीमत और आदान सहायता देने के साथ समर्थन मूल्य पर खरीदी, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की पहल मिलेट के प्रसंस्करण और वेल्यूएडिशन से किसानों, महिला समूहों और युवाओं को रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

 यहां होता है मिलेट्स का उत्पादन
प्रथम चरण में 14 जिलों कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बलरामपुर, कोरिया, जशपुर और सूरजपुर जिलों के साथ किया गया एमओयू मिलेट मिशन में आगामी पांच वर्षों में खर्च किए जाएंगे 170 करोड़ 30 लाख रुपए होंगे।